अमेरिका की तरह अब पटना में भी होगा रीजम तकनीक से प्रोस्टेट का ऑपरेशन
पटना (ब्यूरो) अगर आप प्रोस्टेट बढऩे से परेशान हैं और ऑपरेशन कराने के लिए सोच रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, अमेरिका की तरह पटना में भी प्रोस्टेट की नई तकनीक रीजम से पेशेंट का इलाज होगा। ये बात यूसीकॉन 2024 में डॉक्टरों ने कही। इस तकनीक से इलाज करने के लिए ज्ञान भवन में जूनियर और सीनियर डॉक्टरों को अमेरिका से आए सर्जन ट्रेंड कर रहे हैं। इतना ही नहीं माइक्रोसर्जरी द्वारा भी पेशेंट का इलाज होगा। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। पढि़ए रिपोर्ट अमेरिका से आए सर्जन दे रहे हैं ट्रेनिंग दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बात करते हुए यूरोलॉजिस्ट डॉ। अमिताब कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में ही होती है। इसके बढऩे से कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। इसे दूर करने के लिए रीजम तकनीक की मशीन पटना में आई है। इस मशीन से हॉट वाटर से प्रोस्टेट को गलाया जा सकता है। इस विधि से अमेरिका में ऑपरेशन हो रहा है। अब बिहार के पटना में भी जल्द शुरू होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए अमेरिका से आए सर्जन जूनियर और सीनियर डॉक्टर्स को ट्रेंड कर रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद इसे आईजीआईएमएस में इंस्टॉल किया जाएगा। जिसके बाद रीजम तकनीक से प्रोस्टेट का ऑपरेशन यहां हो सकेगा। उन्होंने बताया कि यूरीन के रास्ते एक पतला पाइप डाला जाता है। पाइप में गरम पानी डालकर गलाया जाता है। माइक्रो सर्जरी से भी होगा ऑपरेशन डॉ। अमिताब ने बताया कि पुरुषों के यूरीन का नस दब जाने पर उसे जोडऩे के लिए माइक्रो स्कोप की जरूरत होती है। जिसके बाद स्पर्म को लिंग तक ले जाने वाली डक्टल प्रणाली के रुकावटों को दूर किया जाता है। इसके साथ ही कई बच्चों को जन्मजात ये बीमारी होती है। ऐसे बच्चों को यूरीन के रास्ते ट्यूब लगाकर आगे ले जाने के लिए माइक्रो स्कोप की जरूरत होती है। ऐसी सुविधा शहर के अस्पतालों में नहीं है। मगर आईजीआईएमएमएस में माइक्रोसर्जरी की सुविधा जल्द शुरू होगी। इससे पहले लू चश्मा लूप विधि से सर्जरी की होती थी। माइक्रो स्कोप मशीन के आने के बाद अस्पताल में माइक्रोस्कोप सर्जरी भी होगी। इसके लिए डॉक्टर प्रशिक्षण ले रहे हैं। बिना दर्द के निकल रहा है किडनी से स्टोन यूसिकॉन 2024 में आए डॉ। रौशन चिरंजीव ने बताया कि रेट्रोग्रेड इंट्रारेनल सर्जरी (आरआईआरएस) से किडनी के स्टोन को निकालना आसान हो गया है। यूरीन के रास्ते एंडोस्कोप नामक पतला ट्यूब 25 से 30 एमएम तक के स्टोन को तोड़ देता है। पत्थर टूटने के बाद यूरिन के रास्ते धीरे-धीरे निकल जाता है। उन्होने बताया कि आईजीआईएमएस में इस विधि से ऑपरेशन शुरू हो गया है। इसके लिए सीनियर और जूनियर डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इस विधि से ऑपरेशन कराने में दर्द कम होता है। उन्होंने बताया कि इंडोस्कोप को यूरीन के रास्ते भेजा जाता है। यूरीन की थैली में जाते हुए किडनी में जाता है.