साहित्य सम्मेलन में कहानी संग्रह नदी रुकती नहीं का हुआ लोकार्पण


पटना ब्‍यूरो। लेखक जियालाल आर्य की कहानियां मन को कुरेदती और गुदगुदाती भी है। कि़स्सा-गोई में एक विशेष स्थान बना चुके आर्य जी पाठकों पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। पढऩा आरंभ कर चुके पाठक को ये अंत तक पढऩे के लिए विवश करते हैं। एक सफल कहानी की पहली विशेषता यही है कि वह पाठकों के मन में अंत तक कौतूहल बनाए रखे। यह बातें रविवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, बिहार के पूर्व गृह सचिव और वरिष्ठ लेखक जियालाल आर्य के कहानी-संग्रह नदी रुकती नहीं के लोकार्पण हेतु आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन-अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने कहा कि, लोकार्पित पुस्तक के लेखक एक संवेदनशील और गहन सामाजिक-दृष्टि रखने वाले रचनाकार हैं। संग्रह की कहानियों में लेखक की लोक-चेतना और जीवन के अनेक मूल्यों को अभिव्यक्ति मिली है।

-अनुभूतियों का प्रभाव-क्षेत्र बहुत बड़ा रहा है
पुस्तक का लोकार्पण करते हुए, पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और राज्य उपभोक्ता आयोग, बिहार के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय कुमार ने कहा कि पुस्तक के लेखक जियालाल आर्य ने जितनी निष्ठा से प्रशासनिक सेवा की उसी निष्ठा से वे साहित्य की बड़ी सेवा कर रहे हैं इनके अनुभव और अनुभूतियों का प्रभाव-क्षेत्र बहुत बड़ा रहा है, जो इनके साहित्य में दिखायी देता है.बिहार सरकार के पूर्व विशेष सचिव और साहित्यकार डा उपेंद्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि सृजन की विविध विधाओं में कहानी-लेखन का कार्य अधिक कठिन हैङ शास्त्रों में कहा गया है कि एक कथा-लेखक को बहुत ज्ञानी होना चाहिए। मौके पर डा अनीता मिश्र सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

Posted By: Inextlive