कराहते रहे जख्मी यात्री, तीन घंटे बाद इलाज मिला
आदित्य झा : नार्थ ईस्ट ट्रेन में हादसे का शिकार हुई एक 16-17 साल की लड़की के मुंह से खून आ रहा था, रो-रोकर उसका बुरा हाल था। वह एम्स पटना में रात 3 बजे पहुंची थी और सुबह छह बजे तक भी उसका इलाज शुरू नहीं हुआ था। तब डॉक्टर सुबह पहुंचने पर रजिस्ट्रेशन के लिए पेशेंट का नाम ही पूछते हुए नजर आए। ऐसे ही वहां पर करीब दस और घायल लोग मौजूद थे, जो तीन घंटे से इलाज के इंतजार में थे। दुख भरी दास्तां यह भी थी कि इनमें कई बिल्कुल अकेले थे जो कि एक्सीडेंट के बाद अपनों से बिछड़ गए थे। इस हाल में भी एम्स प्रशासन ने तत्काल तत्परता दिखाने में लेटलतीफी की। पेश है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की लाइव रिपोर्ट।
एम्स में 12 घायलों को किया गया एडमिट, 4 गंभीर
एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक डॉ। गोपाल कृष्ण पाल ने बताया कि रात करीब दो बजे पटना एम्स में रघुनाथपुर (बिहार) ट्रेन हादसे के 12 मरीजों को एडमिट कराया गया। जिसमें से 4 गंभीर रूप से घायल हैं। जिनमें एक मरीज की फीमर फ्रैक्चर दूसरे मरीज की हंसली फ्रैक्चर, एक मरीज की कंडीलर हड्डी फ्रैक्चर और दूसरे मरीज की सर्वाइकल (गर्दन) फ्रैक्चर हुआ है। इसके अलावा आठ अन्य मरीज भी चोटिल हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है। नाम न छापने की शर्त पर वहां मौजूद एक मरीज के परिजन ने बताया कि एम्स का हालात बद से बदतर है। डॉक्टर से ज्यादा एक्टिव गार्ड है। डॉक्टर साहब मरीज के आने के कई घंटे बाद पहुंचे।
दुर्घटना में घायल एक किशोरी की मुंह से ब्लड निकल रहा था। और डॉक्टर इलाज के बजाय नाम और पिता का नाम बार-बार रजिस्ट्रेशन के लिए पूछ रहे थे। मौके पर मौजूद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर द्वारा सवाल करते ही डॉक्टर मरीज वार्ड में अंदर लाने के लिए गार्ड को बोल कर निकल गए। ये नजारा था सुबह के छह बजे का जबकि लोगों ने बताया कि किशोरी सुबह तीन बजे ही एम्बुलेंस से एम्स पहुंची थी।
रिपोर्टर के साथ की बदतमीजी
इस पूरे भयंकर मंजर का गवाह बने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर । उन्होंने दानापुर स्टेशन से लेकर एम्स पटना तक मुआयना किया और इसी दौरान पूरी घटना के दर्दनाक मंजर को लोगों की जुबानी सुना। लेकिन सबसे बुरा अनुभव एम्स पटना कैंपस का रहा। जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर के साथ एम्स के गार्ड ने बदतमीजी की। मौके की तस्वीरें लेते हुए जब रिपोर्टर पेशेंट से भी बातचीत कर रहा था। उसी दौरान गार्ड आ पहुंचा और मोबाइल छीन ली। जब रिपोर्टर ने विरोध किया तो गार्ड ने कहा (फोटो) फोटू लिया है। रिपोर्टर ने कहा, हां लिया हूं, खबर करनी है। फिर जबरन मोबाइल की सभी तस्वीरें डिलीट की और गाली-गलौज करने लगा। इस पूरे मामले पर एम्स प्रशासन मौन है।
साहब मेरी बेटी नहीं मिल रही है, हादसे के बाद कहां गई पता नहीं चला। रात में साथ में थी। तो आखिर कहां गई ये कहना है था कटिहार जाने वाले एक मां का। जो नॉर्थ ईस्ट टे्रेन हादसे के बाद स्पेशल रैक से कटिहार जाने के लिए दानापुर तो पहुंच गई। दानापुर जंक्शन पर लगे स्पेशल रैक जैसी बैठी तो बेटी को न देखकर फफक-फफक कर रोने लगी। हालांकि अन्य यात्रियों ने बताया कि किसी दूसरे कोच होगी या हादसे में चोटिल होकर किसी अस्पताल इलाजरत होगी।
किसी का मोबाइल तो किसी का कैश हुआ गायब
रघुनाथपुर टे्रेन हादसे में किसी का मोबाइल खोया तो किसी का कैश गायब हो गया। दरअसल, हादसे के बाद घटना स्थल पर हर कोई ट्रेन के कोच से जान बचाकर निकलना चाह रहा था। इस दौरान कई लोगों का सामान ट्रेन में ही रह गया या गिर गया जिसमें किसी का कैश गायब हो तो किसी मोबाइल गुम हो गया।
नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस के थ्री इकोनॉमी क्लास एम वन और एम टू कोच के यात्रियों को दानापुर जंक्शन लगे स्पेशल रैक कोच उपलब्ध नहीं होने के कारण स्लीपर क्लास में एडजस्ट किया गया। अधिकारियों ने बताया कि अन्य यात्रियों अपने निर्धारित जगह पर बैठाया गया। ट्रेन खुलने से पहले यात्रियों नास्ता का पैकेट और पानी की बोतल भी रेलवे की ओर से दिया गया।