सोने की चिड़ियां नहीं सोने का शेर होगा भारत : गवर्नर
पटना (ब्यूरो)। देश को सोने की चिड़ियां नहीं, सोने का शेर बनाना है। इसकी दहाड़ दुनिया भर में सभी लोगों को सुनाई देगी। यह युवाओं के संकल्प से ही होगा। एबीवीपी केवल एक छात्र संगठन नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी एवं युवा संगठन है। ये बाते शनिवार को गेट पब्लिक लाइब्रेरी में राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कही। वे एबीवीपी के 65वें संयुक्त प्रांत अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर मंच पर एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ। मधुबाला वर्मा और आदित्य जालान उपस्थित रहे।
विकसित भारत बनाना है
एबीवीपी के कार्यकत्र्ताओं को संबोधित करते हुए गर्वनर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि आने वाला समय युवाओं का है। यह अमृत काल है। उन्होंने बताया कि कैसे पीएम ने इस काल को अमृत काल बताया है। क्योंकि उन्होंने युवाओं पर विश्वास करके ही 2047 तक भारत को विकसित करने का सपना देखा है। इसी सपने के आधार पर भारत के विकसित भारत होने का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा कि जब तक 'स्वÓ का लक्ष्य पूरा नहीं होगा तब तक विकसित भारत का सपना अधूरा रह जाएगा। उन्होंने सभा में मौजूद एबीवीपी कार्यकर्ताओं को आह्वान किया कि यह युवाओं को जाग्रत होने का समय है। इसलिए आने वाले 25 वर्षों का संकल्प लेना होगा। तभी यह देश दुनिया की बड़ी इकोनामी भी होगी।
इससे पहले आशीष चौहान, राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने ओजस्वी भाषण दिया और युवाओं को एबीवीपी की पूरी जर्नी और विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद की प्रबल भावना के साथ यह कार्य करता है। साथ ही इसके कार्यकत्र्ता देश के सभी हिस्सों में मौजूद है। चाहे वह लेह हो, अरूणाचल प्रदेश या गुजरात का कच्छ - सभी जगह कार्यकत्र्ता मौजूद हैं। जब भी कोई राष्ट्रीय आंदोलन होता है तो एबीवीपी उसमें आगे बढ़चढ़कर आगे रहता है। इमरजेंसी का समय हो या कोई और मौका, बिहार में भी एबीवीपी ने सक्रियता से कार्य किया है। आज पूरे देश भर के शैक्षणिक कैंपस में एबीवीपी की ईकाई सक्रिय है। इस वर्ष एबीवीपी ने 50 लाख से अधिक सदस्यता करने का कीर्तिमान खड़ा किया है।
बिहार बढेगा, देश बढेगा
इस मौके पर कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद पहले अपने संबोधन में एबीवीपी के राष्टीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय विकास की धारा जब भी आगे बढेगी वह बिहार से होकर ही बहेगी। यानि बिहार विकसित होगा तभी देश विकसित होगा। बिहार में बदलाव शिक्षा के माध्यम से ही होगा। यह बिहार लोकतंत्र की जननी है। बिहार के कार्यकत्र्ता ने यहां की शिक्षा व्यवस्था पर लगे ग्रहण को हटाने के लिए छात्र समुदाय के बीच एक विमर्श खड़ा किया है। संगठन का यह शुरू से मानना है कि प्रवेश परीक्षा और परिणाम गुणवत्तापूर्ण होगा तभी छात्रों का भविष्य बेहतर होगा।