सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों के लिए समग्र प्रबंधन और नई तकनीक कारगर
पटना(ब्यूरो)। फिजियोथेरेपी डे के असर पर दो दिवसीय वर्कशाप का आयोजन पटना के रिहैब टच फिजियोथैरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर पर किया गया। परिवर्तन रिहैब सेंटर की ओर से आयोजित सेरेब्रल पॉल्सी प्रभावित बच्चों के लिए समग्र प्रबंधन एवं नई तकनीक की जानकारी विषय पर आयोजित वर्कशॉप मेंं पटना मेंं कार्य कर रहे नए फिजियोथेरेपिस्टों को नई तकनीकी की जानकारी देनी थी। कार्यक्रम मेंं छत्तीसगढ़ से आए पेडियाट्रिक फिजियोथेरेपी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अमित बरुआ, डॉ अजय कुमार, डॉ हिमेंंदु कुमार सिंह, अनूप श्रीवास्तव, डॉ संतोष, डॉ रोहित, डॉ सूर्य शंकर एवं सर्वदा शंकर लाल ने संयुक्त रूप से वर्कशॉप का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि डॉ अमित बरुआ ने कहा कि सेरेब्रल पाल्सी बच्चों में होने वाले दिव्यांग्ता का महत्वपूर्ण कारण है। सेरेब्रल पाल्सी में बच्चे का विकास सामान्य बच्चे के तुलना में अवरुद्ध होता है। छह महीने के उम्र से ही सेरेब्रल पाल्सी का पता बच्चों में चल जाता है। जैसे कि पेट के बल उलट कर सिर को ऊपर नहीं उठाना, पैर का मूवमेंंट कम होना, हाथ का मूवमेंंट कम होना , सामान्य बच्चों की तुलना मेंं कम विकास होना, सामान्य बच्चों के तुलना में हाथ, पैर कड़ा लगना इत्यादि सेरेब्रल पाल्सी बच्चों का लक्षण है।
हाथ-पैर अलग-अलग प्रभावित होता है
सेरेब्रल पाल्सी में बच्चों का हाथ-पैर अलग-अलग प्रभावित होता है जैसे कि किसी मरीज में सिर्फ एक पैर का मूवमेंंट प्रभावित होता है। किसी मरीज मेंं एक हाथ एवं एक पैर का मूवमेंंट प्रभावित होता है। किसी मरीज में दोनों पैर का मूवमेंंट प्रभावित होता है। तो किसी मरीज में दोनों हाथ, दोनों पैर और गले का मूवमेंंट प्रभावित होता है। सेरेब्रल पाल्सी कई प्रकार के होते है जिसमें स्पास्टिक कंडिशन के बच्चे ज्यादा होते है । सेरेब्रल पाल्सी के ट्रीटमेंंट के लिए दूसरे राज्य जैसे कि पश्चिम बंगाल , आसाम , झारखंड और पड़ोसी देश नेपाल के मरीज आते है और ठीक होकर चले जाते है, जिससे बिहार में सेरेब्रल पाल्सी के ट्रीटमेंंट के प्रति झुकाव बढ़ा है।
2 से 3 सप्ताह में परिणाम मिलने लगता है
सेरेब्रल पाल्सी के मरीज को समग्र प्रबंधन और नई तकनीक द्वारा 2 से 3 सप्ताह में परिणाम मिलने लगता है और 4 से 6 महीने में मरीज को 80 फीसदी रिजल्ट मिल जाता है। नई तकनीक की चर्चा करते हुए डॉ अमित ने कहा कि न्यूरो डेवलपमेंंट ट्रीटमेंंट द्वारा वैसे मरीज में जिसका एक पैर प्रभावित हुआ हो या दोनों पैर प्रभावित हुआ हो या एक हाथ एक पैर प्रभावित होने की वजह से चलने में , खड़ा होने में या अपना काम करने मेंं पारेशानी हो उन बच्चों को लाभ मिलता है। मौके पर सेरेब्रल पाल्सी वाले उपस्थित थे जो आज बेहतर स्थिति मेंं जी रहे हैं।