विरासत और पर्यटन एक दूसरे के पूरक हैं, छह दिवसीय पटना कलम कार्यशाला का हुआ समापन
पटना ब्यूरो। बिहार के विलुप्त होते चित्रकला को जीवंत करने के लिए इंटैक पटना चैप्टर, योर हेरिटेज एंव इंडियन हेरिटेज ट्रस्ट की ओर से सिंह भवन, चीना कोठी में छह दिवसीय पटना कलम प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। पटना कलम शैली सिर्फ चित्रकला नहीं है बल्कि बिहार की अनूठी विरासत है। मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल काल से लेकर मुर्शिदाबाद होते हुए पटना तक के उत्थान पतन पर भी कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने चर्चा की। कार्यशाला के अंतिम बिहार संग्रहालय के अतिरिक्त निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि पटना कलम को विलुप्त होने से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
-पटना संग्रहालय में बनेगा दीर्घा
पटना संग्रहालय में पटना कलम शैली की पेंटिंग के प्रदर्शन हेतु दीर्घा का विकास होगा, प्रशिक्षण हेतु जगह भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि नई पीढ़ी के कलाकार इस शैली की पुरानी पेंटिंग को देखकर इसकी अनुकृति तैयार कर सकें। इंटैक, बिहार के संयोजक प्रेम शरण ने कहा कि पटना संग्रहालय में पहले भी इसके लिए अलग गैलरी थी परंतु दर्शकों को पेंटिंग की विशेषता बताने की व्यवस्था नहीं थी।
-हजारों करोड़ रुपए की आय हो सकती थी
कार्यशाला में आए एक्सपर्ट अवधेश अमन ने कहा कि पटना कलम की पुरानी पेंटिंग को सहेज कर नहीं रखा गया। अगर सुरक्षित होता तो राज्य सरकार को करोड़ों
की आय हो सकती थी। उन्होंने कहा कि इस शैली में फूल-पत्तियों के चित्रण बहुत मिलते थे। चित्रकार मनोज कुमार बच्चन ने कहा कि अपने छात्र जीवन से ही वह पटना कला महाविद्यालय में पटना कलम की विशेषताओं के संबंध में चर्चा सुनते रहे हैं।
-विभिन्न क्षेत्रों में चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए इंटैक, पटना चैप्टर के भैरव लाल दास ने कहा कि पटना शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। योर हेरिटेज की रचना प्रियदर्शिनी ने गोलघर का टेराकोटा गुल्लक अतिथियों को देते हुए कहा कि बिहार के महत्वपूर्ण हेरिटेज के संरक्षण हेतु ऐसी प्रतिकीर्ति आकर्षक एवं आवश्यक है। रविशंकर उपाध्याय ने कहा कि विरासत और पर्यटन एक दूसरे के पूरक हैं.और इस हेतु संयुक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए इंडिया हेरिटेज ट्रस्ट के शंभु कुमार सिंह ने कहा कि पटना कलम चित्रकला शैली बिहार की महत्वपूर्ण विरासत एवं धरोहर है और इसे विलुप्त होने से बचाने हेतु सब लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा।
इस अवसर पर विभा रानी श्रीवास्तव, इंटैक के दिलीप, बांधनी की स्मिता पाराशर, मिथिला पेंटिंग कलाकार अलका दास, क्रोशिया कलाकार विभा श्रीवास्तव, यू.आई.डी। गांधीनगर की इशिता, अरुणोदय संस्थान की आराधना सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।