पटना में हेल्प बटन खुद हेल्पलेस
पटना (ब्यूरो)। यह स्थिति तब है जब अगस्त माह में इसकी पूरी ताम झाम से लॉन्चिंग की गई थी। लॉन्चिंग अवधि से अभी मात्र छह माह का समय बीता है। इन्हीं छह माह की अवधि में यह अंतिम सांस लेने की कगार पर पहुंच गया है।
गांधी मैदान के पास लगा बटन नहीं करता रिस्पांस
गांधी मैदान गेट नंबर 10 के पास ही हेल्प पैनिक बटन लगाया गया है। यह मशीन चालू स्थिति में है। लेकिन दबाने पर कोई रिस्पांस नहीं आया। वहां पर आसपास के लोगों से हमने जब इस बारे में बातचीत की तब बताया गया कि यह काफी दिनों से इसी हालात में है। ज्यादातर लोगों को यह भी पता नहीं है कि यह क्या है और इसका कब वे इस्तेमाल कर सकते हैं। गांधी मैदान गेट नंबर 10 के पास स्थित हेल्प बटन चालू स्थिति में थी। मशीन से बीप की आवाज भी आ रही थी। तीन से चार बार दबाने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं आ रहा था। इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि यह काम नहीं कर रहा है। या फिर कॉल सेंटर या फिर आईट्रीसी मुख्यालय में रिस्पांस करने वाला शख्स नहीं हो।
डाकबंगला चौराहा का हेल्प बटन बना डम्प
डाकबंगला चौराहा स्थिति हेल्प बटन की ही आप बात कर लो। पटना के सबसे व्यस्त चौराहा कहे जाने वाले डाक बंगला चौराहा के ट्रैफिक पोस्ट के ठीक पास में इसे लगाया गया था। लेकिन अब यह पूरी तरह से डम्प यार्ड की तरह हो गया है। ट्रैफिक पुलिस ने हेल्प बटन की ओर जाने वाले रास्ते को पूरी तरह से ब्लॉक कर रखा है। जिसकी वजह से उस ओर कोई जा ही नहीं सकता है। हमने फिर भी हेल्प मशीन और उसमें लगे बटन को चेक किया। लेकिन इसने पूरी तरह से काम करना बंद कर रखा है। ट्रैफिक पोस्ट पर मौजूद एक कांस्टेबल ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वह पिछले एक महीने से इसे इसी हालात में देख रहे हैं। आसपास के लोगों को भी इसके बारे में न तो बहुत जानकारी है न ही उन्होंने इसे किसी प्रकार का हेल्प ही मिला है।
अटल पथ वाला पैनिक बटन भी नहीं करता रिस्पांस
अटल पथ के पास स्थित पैनिक बटन भी रिस्पांस नहीं कर रहा था। हालांकि मशीन यहां पर चालू स्थिति में था। बीप की आवाज भी लगातार आ रही थी। लेकिन आईट्रीसी की ओर से किसी ने रिस्पांड नहीं किया। ऐसे में अगर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को बाकई में इसकी जरूरत पड़ गई तब तो उन्हें इससे किसी भी प्रकार की मदद मिलना मुश्किल ही है।
पूर्वी गांधी मैदान के बारी पथ के पास भी हेल्प पैनिक बटन लगाया गया है। लेकिन यहां भी स्थिति अन्य जगहों से बिलकुल अलग नहीं है। मशीन यहां पर भी चालू स्थिति में है। बीप की आवाज भी आ रही थी। लेकिन यहां पर भी कोई रिस्पांस नहीं आ रहा था। आईट्रीपलसी ने क्या कहा
आईट्रीपलसी की पीआरओ प्रिया सौरभ ने बताया कि अभी शहर में बहुत जगह पर मेंटेनेंस का काम चल रहा है। जिसकी वजह से बहुत जगह पर हेल्प बटन ऑपरेशनल नहीं है। फाइबर ऑप्टिक केबल से कनेक्ट होने की वजह से खुदाई वाले काम की वजह से भी मशीने काम करना बंद कर रखा होगा। प्रिया सौरभ ने बताया कि मेट्रो प्रोजेक्ट या फिर नमामी गंगा की वजह से भी परेशानी आई है।
तीन से चार कॉल हर दिन आता है
प्रिया सौरभ के अनुसार फिलहाल तीन से चार कॉल हर दिन आता है। पूरे महीने की बात करें तो एक सौ से अधिक कॉल इस पर सहायता के लिए आता है। मेंटेनेस वर्क करने वाले लोग नियमित तौर पर एक्टिव मोड में रहते हैं। जहां भी मशीनें खराब होगी उन्हें जल्द ठीक कर लिया जायेगा।