प्लाट और कार खरीदारी के लिए गुप्त नवरात्रि अत्यंत शुभ
पटना ब्यूरो। मनोकामना पूर्ति और गुप्त साधना के लिए प्रचलित चार नवरात्रि में से एक गुप्त नवरात्रि इस बार 10 फरवरी से शुरू हो रहा है। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ इस नवरात्रि का समापन 18 फरवरी होगा। इस दौरान शहर के बांस घाट स्थित काली मंदिर व पटना सिटी के पटन देवी मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। शहर के ज्योतिषाचार्य डॉ। विकास नाथ झा कुंवर ने बताया कि माघ गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा पूरे नौ दिनों तक की जाती है। गुप्त नवरात्र में साधक देवी मां की 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस बार गुप्त नवरात्रि पर रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों इस बार विशेष कृपा बरसेगी. चारों नवरात्रि में होती है पूजा मिथिला पंचांग के अनुसार पूरे साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है। जिसमें से चैत्र नवरात्रि, आश्विन नवरात्रि, अषाढ़ नवरात्रि और माघ नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना करते समय दुर्गा मां का पूजा अर्चना पूरे विधिविधान से की जाती है। पंडितों ने बताया कि इस बार गुप्त नवरात्रि के दिन घटस्थापना के दो मुहूर्त बन रहे हैं, किसी भी मुहूर्त के अंतराल में घटस्थापना कर सकते हैं. खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ ज्योतिषाचार्य डॉ। विकास नाथ झा कुंवर ने बताया कि जमीन, कार, आभूषण की खरीदारी करने वाले लोगों के लिए गुप्त नवरात्रि समय अत्यंत शुभ है। उन्होंने बताया कि देवी के साधान व आराधना करने के बाद खरीदारी करने वालों पर दुर्गा की कृपा बरसेगी। सामान्य तौर गुप्त नवरात्रि में प्लॉट की रजिस्ट्री लोग ज्यादा कराते हैं। इस बार गुप्त नवरात्रि के दौरान चार सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ एक दिन अमृत योग का भी संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों की माने तो इस दिन प्लाट और वाहनों की खरीदारी करने वाले लोग विवाद से दूर रहेगें। मंदिरों में होगी विशेष पूजा-अर्चना पटना के प्रमुख मंदिर बड़ी पटन देवी और छोटी पटना देवी में देवी की पूजा विधि विधान से हर साल की इस साल भी की जाएगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि चारों गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना व अंतिम दिन कन्या भोज का आयोजन किया किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान विधि विधान से पूजा अर्चन करने वाले भक्तों पर माता की विशेष कृपा बरसती है