Patna News : बापू टॉवर में दिखेगा गांधी के मोहन से महात्मा तक का सफर
पटना ब्यूरो। गांधी मैदान, गांधी संग्रहालय, बापू सभागार के बाद पटना को आज एक और मेमोरियल स्ट्रक्चर मिलने जा रहा है। हम बात कर रहे हैं गर्दनीबाग स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर केन्द्रित बापू टावर की। बापू टावर के अंदर महात्मा गांधी के मोहन से महात्मा तक के सफर खूबसूरत ढंग से दिखाया गया है। असहयोग आंदोलन हो या अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन सहित बापू के बिहार आगमन व चंपारण में महात्मा गांधी की यादों को मूर्ति और फोटो के माध्यम से बापू टावर के म्यूजियम में लगाया गया है। पूरी तरह से वातानुकूलित छह मंजिला टावर में कैफेटेरिया, मीटिंग हॉल सहित सभी फ्लोर पर चित्र प्रदर्शनी गैलरी महात्मा गांधी से संबंधित बनाया गया है। इस टावर का उद्घाटन आज गांधी जयंती के अवसर पर सीएम नीतीश कुमार शाम चार बजे करेंगे। पढि़ए रिपोर्ट
आडियो-वीडियो के जरिए बयां हो रहा है बापू का जीवन गाथा.
महात्मा गांधी आजादी के दौरान पटना व बिहार के विभिन्न जिलों में कई बार आए। उनके जीवन से लेकर मृत्यु तक की गाथा को बापू टावर के म्यूजियम में आडियो-वीडियो के जरिए बयां किया गया है। महात्मा गांधी के ऊंचे आदर्शों की तरह-तरह ही ऊंचा यह टावर आकर्षण का केंद्र है। म्यूजियम के अंदर गांधी जी द्वारा पश्चिम चंपारण में स्थापित बुनियादी विद्यालय को सुदंर ढंग से बनाया गया है। म्यूजियम के अंदर एक छोटा भवन बनाया गया है जिसमें बच्चे स्कूल जाते दिख रहे हैं।
म्यूजियम में 15 जनवरी 1934 को आए भूकंप से हुए नुकसान को चित्र के माध्यम से दर्शाया गया है। चित्र में दिखाया गया है कि डॉ। राजेन्द्र प्रसाद किस तरह त्रासदी से निपटने के लिए धन व्यवस्था और लोगों की सहायता के लिए कमेटी गठित की। गेलमेल सम्मेलन की तस्वीर को भी प्रदर्शित किया गया है। म्यूजियम में दिखेगा साबरमती आश्रम
बापू टॉवर के म्यूजियम में चित्र के माध्यम से दिखाया गया है कि महात्मा गांधी जब साबरमती आश्रम रहते थे किस तरह आम लोगों के साथ मीटिंग करते थे। असहयोग आंदोलन के समय बिहार की हलचल और सदाकत आश्रम की तस्वीर को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। चंपारण में नील फैक्ट्री में किस तरह अंग्रेजी हुकूमत के लोग किसानों को टॉर्चर करते ही इसकी जीवंत तस्वीर को दिखाया गया है।
120 फीट है बापू टॉवर की ऊंचाई
टावर की ऊंचाई 120 फीट है। बापू टावर के बुनियादी ढांचे का कार्य बीते दो वर्षों से चल रहा था। भवन पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। आज, बुधवार यानी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर लोगों के अवलोकन के यह खोल दिया जाएगा। म्यूजियम के अंदर गांधी जी की शांती यात्रा को भी चित्र के माध्यम से दिखाया गया है। आजादी के लड़ाई दौरान महात्मा गांधी के जेल जाना, पढ़ाई के दौरान लंदन की यात्रा व सुभाष चन्द्र वोस द्वारा आजाद हिंद फोज की स्थापना करना जैसे घटना को गैलरी में प्रदर्शित किया गया है।
म्यूजियम के अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद (गुजरात) की कंपनी द्वारा लगभग 48 करोड़ की लागत से म्यूजियम बनाया गया है। छह मंजिला टावर पूरी तरह से भूकंपरोधी है। अधिकारियों ने बताया कि इसे बनाने को लेकर बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग व उत्तरप्रदेश निर्माण निगम ने मिलकर कार्य किया है। बापू टॉवर स्ट्रक्चर निर्माण में तकरीबन 78 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
दीवार पर बापू की कलाकृति बनाई गई
बापू टॉवर के अंदर दीवार पर बापू की कलाकृति बनाई गई है। इसके अलावा बड़ी स्क्रीन पर चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी स्मृतियों दिखाया जाएगा। म्यूजियम में आजादी के दौरान गोरखपुर चौरी चौरा थाना को किस तरह से क्रांतिकारियों ने फूक दिया उसे बिजली के माध्यम से दर्शाया गया है। इसके अलावा बिहार के क्रांतिकारी सात शहीदों को दिखाया गया है।
महात्मा गांधी के अधिकतर स्मृतियों को म्यूजियम में दिखाया गया है। आम लोगों के अवलोकन के लिए 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती पर इसे खोल दिया जाएगा। इससे पहले औपचारिक उद्घाटन होगा।
-शमीर अहमद, केयर टेकर, बापू टॉवर