PATNA NEWS बड़े कंपनियों के नाम से बेची जा रही चार करोड़ की नकली व नशीली दवाएं बरामद
पटना ब्यूरो। पटना में एक्साइज विभाग की टीम और पटना पुलिस ने मिलकर बड़े लेवल पर नकली कफ सिरप के नशीले कारोबार का खुलासा किया है। पटना के कृष्ण नगर थाना क्षेत्र के जकरियापूर इलाके में अवस्थित न्यू श्रीराम ट्रांसपोर्ट कंपनी के आड़ में यह गोरख धंधा चलाया जा रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर मध निषेध उत्पाद विभाग की टीम और जिला पुलिस ने मौत की इस फैक्ट्री का खुलासा किया है। यह छापेमारी ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्रा.लि। गुप्त सूचना पर प्रशासन की ओर से की गयी है। जिसकी कीमत करीब चार करोड़ रुपये बतायी जा रही है। मौके से दो गिरफ्तार किये गये हैं।- ब्रांडेड कंपनियों के रैपर भी हुआ बरामद
मौके से जिला पुलिस ने बड़े-बड़े ब्रांड्स के नकली कफ सिरप, नशीले इंजेक्शन समेत नकली टैबलेट को बरामद किया है। जिसमें एबॉट की कफ सिरप फेंसेडिल, डिटॉल एंटीसेप्टिक , सिपला कंपनी की रेवोलाइजर, ज़ाइडस वेलनेस का शुगर फ्र , रेकिट बेंकिज़, अरिस्टो , अल्केम , इमामी एवं अन्य बड़ी-बड़ी कंपनियों के नकली प्रोडक्ट्स बरामद किए गए हैं। वहीं टीम ने मौके से नकली दवाइयां की रैपर फिनिश प्रोडक्ट अनफिनिश्ड प्रोडक्ट बरामद किए हैं। इन सब की कीमत करीब 4 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। टीम ने मौके पर ब्रांडेड कंपनियों के नकली रैपर भी बरामद किये हैं। दो मैनेजर गिरफ्तारआपको बता दें कि पुलिस ने मौके से दो मैनेजर को गिरफ्तार किया है। हालांकि, गोदाम मालिक गिरीश कुमार मौके से फरार होने में सफल रहा। जिसकी तलाश में पुलिस जुट चुकी है।बिहार में नकली दवा मामले में उठ रहे सवाल, क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
वैसे तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे नकली दवाइयां पर नकेल कसने को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन प्रदेश की राजधानी पटना के बीचों-बीच शहर से जिस तरह से मौत की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है, उसके बाद तो यह सवाल उठना लाजिमी है की आम जन की सुरक्षा का क्या? ये कफ सिरप, इतनी बड़ी-बड़ी ब्रांड्स के नकली टैबलेट्स, नकली नशीले इंजेक्शन आखिर जाने वाली तो आम लोगों के शरीर के अंदर ही थी। सोचने भर से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि इन नकली नशीली दवाईयों का अगर सेवन आम लोग करते तो उनके शरीर पर क्या असर पड़ता। एक तरफ जहां ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां इन नकलचियों पर लगाम लगाना शुरू ही करती है ठीक वैसे ही एसोसिएशन वालों का रोना-धोना शुरू हो जाता है। रेड डालते ही एसोसिएशन वाले हो-हल्ला मचाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में अगर एक्साइज डिपार्टमेंट ब्रांड प्रोटक्शन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां अगर इन नकलचियों पर नकेल ना कसे तो आमजन की सुरक्षा का क्या
छापेमारी हुई है.औषधि विभाग की ओर से टीम गठित कर दी गई है। उस क्षेत्र के ड्रग इंस्पेक्टर भी ज्वाइन कर लिए हैं। शुक्रवार को जाकर जांच कर मुकदमा दर्ज करेंगे। इसके साथ ही दवा कहां बनी इस पर अनुसंधान की जाएगी। चुनिंदर महतो, औषधि नियंत्रक, पटना जिला