-शव के पास मिला सर्जिकल ब्लेड एनएमसीएच के अधीक्षक ने चार सदस्यीय टीम की गठित डॉक्टर कह रहे आंख चूहे के खाने की संभावना रिलेटिव का आरोप गिरोह ने निकाली दलबल के साथ पहुंचे एएसपी बोले- सीसी कैमरे की फुटेज देख हर लेवल पर जांच

पटना ब्‍यूरो। पटना में एक बार फिर दिल दहलाने वाली वारदात हुई है। हुआ ये कि नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) की सर्जिकल आईसीयू में सैटरडे की सुबह कमरा नंबर दो में बेड नंबर 19 पर भर्ती एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद उसकी बाईं आंख गायब है। जबकि डॉक्टर को आंख चूहे खाने की आशंका है। मृतक की पहचान बिहार के नालंदा जिले के चिकसौरा के हुरारी गांव निवासी फंटूस कुमार (28) के रूप में हुई है। उसके सिर के पास बेड पर सर्जिकल ब्लेड रखा था। गायब आंख खोजने के बाद भी किसी को नहीं मिली। सूचना पाकर पहुंचे एएसपी अतुलेश, आलमगंज थानेदार राजीव कुमार समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गए।

शव का नहीं हुआ पोस्टमार्टम
फंटूस के पिता दिलीप प्रसाद एवं चचेरे भाई विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 14 नवंबर को गांव में हुए विवाद में विरोधियों ने फंटूस को गोलियों से छलनी कर दिया। इसके बाद अनुमंडल अस्पताल से डॉक्टर ने एनएमसीएच रेफर किया था। 14 को एनएमसीएच में आपरेशन कर फंटूस को सर्जिकल आइसीयू में रखा गया था। तबीयत बिगडऩे पर 15 नवंबर की रात 8:55 बजे डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। रिलेटिव का कहना है कि फंटूस की मृत्यु के बाद डॉक्टर से पुलिस अधिकारियों तक शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए लगातार आग्रह करते रहे। रात में पोस्टमार्टम नहीं करने का हवाला देकर शव को बेड पर ही छोड़ दिया गया।

बायीं आंख निकाल ली
फंटूस का छह महीने पहले विवाह हुआ था। स्वजन ने बताया कि रात 12 बजे परिवार के लोग सोने के लिए आइसीयू के बाहर चले गए। शनिवार की सुबह पांच बजे आइसीयू के भीतर जाकर शव देखा तो चादर पर खून लगा था। वहीं पास में एक सर्जिकल ब्लेड रखा था। गहराई से किसी ने काट कर फंटूस की बायीं आंख निकाल ली। फंटूस पटना में भूतनाथ स्थित नंद लाल छपरा के पास किराये पर कमरा लेकर पढ़ाई करता था। जीविकोपार्जन के लिए कुछ काम भी कर लेता था।

अस्पताल में गिरोह ने निकाली आंख
स्वजन का आरोप है कि एनएमसीएच में अंग तस्करों का गिरोह है। जिसके किसी सदस्य ने आंख निकाल कर सौदा कर दिया। मामले कच्ी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उनका कहना है कि पूर्व में अस्पतालच्से बच्चा चोरी होने का मामला भी प्रकाश में आ चुका है। इमरजेंसी से लेकर वार्ड और अस्पताल में इलाज व जांच के नाम पर दलालों का सक्रिय गिरोह घूम कर मरीजों को फंसाता है।

अधीक्षक को आशंका, चूहे ने खाई आंख
अधीक्षक प्रो। (डा.) विनोद कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि आइसीयू में दो और मरीज भर्ती थे। उनके स्वजन भी थे। किसी ने आंख निकालने की बात नहीं कही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पूरे मामले का राजफाश होगा कि आंख निकाली गई या चूहे ने खा ली। यह जांच का विषय है। सीसी कैमरे आइसीयू के बाहर लगे हैं। उसे देखा जा रहा है। अधीक्षक ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए अस्पताल ने चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की गई है। इस टीम में नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष, कार्निया मामलों के विशेषज्ञ, सर्जरी विभाग के अध्यक्ष, निश्चेतना विभाग के अध्यक्ष हैं। कार्निया इंप्लांट के लिए मृत्यु होने के छह घंटे के भीतर स्वजन से स्वीकृति प्रमाण पत्र लेने के बाद कार्निया निकाला जाता है। मरीज की मृत्यु रात 8:55 बजे हुई और रात 12 बजे तक सब ठीक था। आंख निकालने का पता स्वजन को सुबह पांच बजे चला।
आइसीयू में बेड पर पड़े मरीज के शव से एक आंख गायब है। अस्पताल स्तर पर गठित मेडिकल टीम की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मामला स्पष्ट होगा। पुलिस सभी का बयान ले रही है। सीसी कैमरों के फुटेज को देखा जा रहा है। पुराने विवाद और फायङ्क्षरग से भी मामले को जोड़ कर देखा जा रहा है।
- अतुलेश झा, एएसपी

Posted By: Inextlive