राजधानी पटना का रंगमंच एक बार फिर गुलजार हुआ. पटना में आठ राज्यों की संस्कृतियों का एक मंच मंचन हुआ


पटना ब्‍यूरो। राजधानी पटना का रंगमंच एक बार फिर गुलजार हुआ। पटना में आठ राज्यों की संस्कृतियों का एक मंच मंचन हुआ। मौका था शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव इंद्रधनुष 2024 का। प्रेमचंद रंगशाला के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोक गीत एवं लोक नृत्यों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में 400 लोक आदिवासी कलाकार और 10 छोटी हस्तशिल्प दुकानों में 40 शिल्पकार भाग ले रहे हैं। महोत्सव का शुभारंभ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहायक निदेशक डॉ। तापस सामंतराय, भारतीय प्रशासनिक सेवा की रचना पाटिल, कला, संस्कृति विभाग की विशेष सचिव सीमा त्रिपाठी मौजूद रहे।

मंच पर दिखा कई प्रदेश के लोक नृत्य


गंगा पर आधारित नृत्य नाटिका एक रिश्ता की प्रस्तुति की गई। सभी राज्यों के कलाकारों के द्वारा समवेत नृत्य पेश किया गया, जिसका नृत्य निर्देशन राजीव कुमार रॉय ने किया। फिर एक के बाद एक प्रस्तुति से सभागार तालियों से गूंज उठा। बिहार के कलाकारों ने बिहार गौरव गान की प्रस्तुति दी।

असम के राजीव कलिता के दल द्वारा बिहू नृत्य प्रस्तुत किया गया। मध्य प्रदेश की निधि चौरसिया के दल ने बधाई लोक नृत्य प्रस्तुत किया। उत्तर प्रदेश के दल ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। बिहार के सबेरा कला केंद्र ने लोक नृत्य सामा चकेवा प्रस्तुत किया। हरियाणा के कामिल के दल ने फाग नृत्य पेश किया।

Posted By: Inextlive