असिस्टेंट इंजीनियर की नौकरी के लिए 25 अंक का कोटा बना कन्फ्यूजन का विषय बोले इंजीनियर बिहार में पुल की तरह गिरता जा रहा इंजीनियर का भविष्य फ्रेशर अभ्यर्थियों को नई बहाली में मौका नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों से इंजीनियरिंग पास कर चुके युवाओं को सड़कों पर उतरना मजबूरी बन गई है

पटना ब्‍यूरो। बिहार में संविदा पर 231 असिस्टेंट इंजीनियर की भर्ती मजाक बनकर रह गया है। इसका विरोध लगातार जारी है। संविदा भर्ती के विरोध में रविवार को सैकड़ों अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। राज्य सरकार से पहले की तरह बीपीएससी से भर्ती कराने की मांग की है। प्रदेश में असिस्टेंट इंजीनियर की नौकरी में 25 अंक का कोटा कन्फ्यूजन का विषय बन गया है। संविदा पर कार्यरत सहायक अभियंताओं को सरकार की तरफ से अधिकतम 25 अंक का वेटेज देने का प्रावधान है। अधिकतम 5 वर्ष के अनुभव का लाभ और प्रत्येक वर्ष के लिए पांच अंक लेकिन 25 अंक की बजाय संविदा पर कार्यरत सहायक अभियंताओं को सरकार की परमानेंट सहायक अभियंता की बहाली में 25% के वेटेज का लाभ मिल रहा है। जिससे फ्रेशर अभ्यर्थियों को नई बहाली में मौका नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों से इंजीनियरिंग पास कर चुके युवाओं को सड़कों पर उतरना मजबूरी बन गई है।

25 अंक के बजाय 25% जोड़ 133 अंक
इंजीनियरिंग अभ्यर्थी सहरसा के शिवचंद्र कुमार ने बताया कि संविदा कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर के लिए बीपीएससी सहायक अभियंता की बहाली में अधिकतम 25 अंक देने का प्रावधान है लेकिन सरकार के अधिकारियों ने अंक को प्रतिशत में कर दिया है। उन्होंने बताया कि 400 अंक की परीक्षा में 25% के तौर पर 133 अंक जोड़े गए हैं। उन्होंने बताया कि सारा कैलकुलेशन फेल कर जा रहा है कि 400 की परीक्षा में 25% अंक भी होगा तो 133 अंक कैसे हो जाएगा।

बिहार का भविष्य ठेके से नहीं, नियुक्ति से चलेगी
प्रदर्शनकारियों के हाथ में पोस्टर भी था जिस पर लिखा था, &जिस राज्य के सीएम इंजीनियर हैं, वहां के इंजीनियर बेरोजगार हैं। बिहार में पुल की तरह इंजीनियर का गिरता भविष्य। बिहार का भविष्य ठेके से नहीं, नियुक्ति से चलेगी। कंबाइंड वैकेंसी लाओ, वोट पाओ.&य

12 लाख नौकरी देने का वादा किया था
अभ्यर्थियों की मानें तो 2017 से असिस्टेंट इंजीनियर की कंबाइंड वैकेंसी नहीं आई है। सीएम नीतीश कुमार ने 12 लाख नौकरी देने का वादा किया था। हर एक विभाग में भर्ती निकाली है, लेकिन इंजीनियर के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। बिहार में अलग-अलग विभागों में 4500 इंजीनियर के पद हैं, जिनमें से अभी 2500 खाली हैं।

बंद हो संविदा की बहाली
इधर, छात्र नेता दिलीप ने कहा कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को सरकार के अधिकारी टहला रहे हैं। संविदा पर कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियरों को परमानेंट सरकारी कर्मी के तौर पर अस्सिटेंट इंजीनियर बनाने के लिए सरकार के अधिकारियों की साजिश चल रही है। जब नियम है कि 25 अंक का वेटेज दिया जाएगा तो 25% अंक कैसे दिया जा रहा है, यह कोई क्लियर नहीं कर रहा। छात्र नेता ने कहा कि प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास आउट इंजीनियरिंग स्टूडेंट आज बेरोजगार हैं और नौकरी के लिए भटक रहे हैं। वर्षों से सरकार की असिस्टेंट इंजीनियर के पद के लिए वैकेंसी नहीं आई है। कैलेंडर के अनुरूप सहायक इंजीनियर की परमानेंट वैकेंसी लाई जाए ताकि लाखों के तादाद में जो इंजीनियरिंग पास अभ्यर्थी हैं, उन्हें उनके क्षेत्र में काम करने का मौका मिल सके और एक सरकारी नौकरी हासिल कर सकें।


बोले इंजीनियरिंग ग्रेजुएट
70 गाय और 30 भैंस को जोड़कर 100 गाय नहीं लिखा जा सकता है। परीक्षा में जितने अंक आए हैं, उसको परसेंटेज में निकाल कर उसे अंक के तौर पर गिनते हुए उसमें 25 जोड़ कर रिजल्ट दिया गया है। संविदा पर कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर को 25 अंक का वेटेज मिले।
- अन्वी, असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी


सरकार संविदा पर भर्ती निकालकर अपनी उपलब्धियां गिनवा रही है। 2017 में असिस्टेंट इंजीनियर की कंबाइंड वैकेंसी आई थी, उसके बाद से अब तक नहीं आई है। हमलोगों के साथ गलत हो रहा है, सरकार को ध्यान देना चाहिए।
—श्रेष्ठ कुमार, असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी

परीक्षा में जितने अभ्यर्थियों के नंबर आए हैं, उनमें संविदा कर्मियों के अनुभव को प्रतिशत में करके जोड़ दिया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि 195 अंक परीक्षा में लाने वाला टॉप कर गया है और 307 अंक लाने वाला सातवें और नंबर पर गया है।
- शिवचंद्र कुमार, असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थी

Posted By: Inextlive