PATNA NEWS डा ओम् प्रकाश पाण्डेय ने अपनी पुस्तकों से राष्ट्र-धर्म की शिक्षा दी है
पटना ब्यूरो। आज राष्ट्रधर्म का पालन नही हो रहा है। नैतिकता का अभाव हो गया है। नीति पर ही राजनीति चलती है। तभी राम राज्य की परिकल्पना को मूर्तरूप दिया जा सकता है। कवि डा ओम् प्रकाश पाण्डेय ने अपनी पुस्तकों के माध्यम से राष्ट्रधर्म की शिक्षा दी है। इनकी कविताएं प्रेरणादायी हैं। यह बातें शनिवार को साहित्य सम्मेलन में हिन्दी और अंग्रेज़ी के चर्चित कवि और गद्यकार डा ओम् प्रकाश पाण्डेय की दो अंग्रेज़ी पुस्तकों द गोल्डेन डियर और फ़स्ट ट्वेंटी और ट्वेंटी फ़स्ट का लोकार्पण करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कही।-मनुष्यता के लिए नैतिकता सबसे बड़ी चीज़ है।
समारोह के मुख्यअतिथि और पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि मनुष्यता के लिए नैतिकता सबसे बड़ी चीज़ है। जब नैतिक-ह्रास होता है तो हमारा पतन होता है। लोकार्पित पुस्तक इसी बात पर बल देती है कि हमें नैतिक दृष्टि से ऊपर उठाना चाहिए।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा कि लोकार्पित पुस्तकों के रचनाकार डा ओम् प्रकाश पाण्डेय सूक्ष्म-दृष्टि रखने वाले अध्ययनशील कवि-लेखक हैं। प्राच्य अवधारणाओं से इनका कोई विरोध नहीं, परंतु स्थापित मान्यताओं में कुछ नवीनता की खोज इनकी प्रवृत्ति में है.अंग्रेज़ी भाषा में लिखा गया डा पाण्डेय का यह नाटक द गोल्डेन डियर, रामायण के उस प्रसंग पर केंद्रित है, जिसमें सीता स्वर्ण-मृग पर मोहित होकर, उसे ला देने के लिए राम को प्रेरित करती हैं, और छल का शिकार होती हैं। इस नाटक में लेखक ने रावण को एक दूसरी ही दृष्टि से देखा है, जो पुरानी अवधारणा को तोड़ती हुई प्रतीत होती है