पटना के जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डे पर एम्बुलिफ्ट का हुआ शुभारंभ व्हीलचेयर व मरीजों को भी मिलेगा लाभ अगले महीने तक शुरू होगा समानांतर टैक्सीवे काम अंतिम चरण में


पटना ब्‍यूरो। पटना एयरपोर्ट पर अब दिव्यांग व बुजुर्ग यात्रियों संग मरीज पैसेंजर्स को को परेशानी का सामना रनवे से फ्लाइट तक नहीं करनी होगी। अब उनके हवाई जहाज में बाधा मुक्त चढ़ने व उतरने के लिए एम्बुलिफ्ट की सुविधा शुरू की गई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से मामूली टोकन शुल्क पर ऑपररेटिंग एयरलाइंस को यह सुविधा प्रदान की जा रही है। पटना के जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डे पर एम्बुलिफ्ट सेवा उपलब्ध किया गया है, जिसका उपयोग समान्य यात्री जीएसटी सहित महज 100 रुपये पेड कर इस्तेमाल कर सकते हैं। एएआई के महाप्रबंधक (इंजीनियरिंग), परियोजना, केएस विजयन ने बताया कि भारत सरकार की ओर से शुरू किए गए सुगम्य भारत अभियान के हिस्से के रूप में इन एम्बुलिफ्टों को कम गतिशीलता वाले यात्रियों की सहायता के लिए उन एयरपोर्टों पर खरीदा गया है, जहां एयरोब्रिज की सुविधा नहीं हैं। इसका सीधा लाभ ऐसे यात्रियों में दिव्यांग यात्री, व्हीलचेयर वाले यात्री और स्ट्रेचर पर यात्रा कर रहे यात्रियों को मिलेगी।

हवाईअड्डे पर समानांतर टैक्सीवे चालू किया जाएगा


हवाई अड्डे तक कनेक्टिविटी और उड़ान संचालन में सुधार के लिए पटना के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक समानांतर टैक्सीवे जल्द ही चालू किया जाएगा। एएआई के महाप्रबंधक (इंजीनियरिंग), परियोजना, केएस विजयन ने कहा, टैक्सीवे पर लगभग 85% काम पूरा हो चुका है और अगले महीने तक पूरा होने की संभावना है, और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय डीजीसीए से अनुमोदन के बाद इस साल मई तक चालू हो जाएगा।टैक्सीवे की लंबाई 1730 मीटर होगी जो रनवे टर्न पैड को टर्मिनल बिल्डिंग के पश्चिमी तरफ एप्रन या पार्किंग बे से जोड़ेगी। यह सुविधा कम समय में अधिक उड़ानों को समायोजित करके रनवे की उड़ान प्रबंधन क्षमता में सुधार करेगी और जमीन और हवा में उड़ानों की देरी को कम करेगी, जिसके परिणामस्वरूप ईंधन की बचत होगी।समानांतर टैक्सीवे विमान के लिए एक अलग रास्ता है, जो पायलट को लैंडिंग के तुरंत बाद रनवे खाली करने और जल्द से जल्द पार्क सिंबजी तक पहुंचने की अनुमति देता है। 1730 मीटर लंबे ट्रैक में से 1400 मीटर पर काम हो चुका है। वर्तमान में पायलटों को रनवे के अंत तक पूरे रास्ते उड़ान भरनी होती है और 180 डिग्री का मोड़ लेकर एप्रन पर वापस आना होता है। पटना हवाई अड्डा प्रति घंटे 10 उड़ानें संभाल सकता है, जिसमें आगमन और प्रस्थान की पांच-पांच उड़ानें शामिल हैं। इसके अलावा, एक आइसोलेशन बे, जो 12 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।

विजयन ने बताया कि रनवे के दक्षिणी हिस्से में आइसोलेशन बे बनाया गया है। अब आइसोलेशन बे को रनवे से जोड़ने के लिए एक कनेक्टिंग पाथ बनाया जाएगा। इसके लिए पुराने डीवीओआर भवन को तोड़ा जाएगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सारा काम अप्रैल 2024 तक पूरा हो जाएगा।

Posted By: Inextlive