121 सीएनजी बसों के लिए मिलेगा अनुदान पटना जिले में अधिकतम अनुदान मिलेगा बस खरीद पर 7.50 लाख रुपये

पटना (ब्यूरो)। पटना नगर निगम के साथ दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ नगर परिषद की सीमा में अक्टूबर से डीजल चालित सिटी बसें नहीं चलेंगी। इनकी जगह सीएनजी बसें चलाई जाएंगी। राज्य सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए चारों नगर निकायों में डीजल चालित बसों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 30 सितंबर की मध्य रात्रि से लागू होगा। परिवहन विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि डीजल से चलने वाली सिटी बसों से तुलनात्मक रूप से अधिक प्रदूषित गैस का उत्सर्जन होता है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इस कारण सार्वजनिक सुरक्षा एवं सुविधा के ²ष्टिकोण से ऐसे वाहनों का परिचालन चरणबद्ध ढंग से प्रतिबंधित किया जाए। पटना, फुलवारीशरीफ, दानापुर व खगौल में पहले से डीजल से चलने वाले आटो पर प्रतिबंध है।

सीएनजी बसें खरीदने के लिए मिलेगा 30 प्रतिशत अनुदान

डीजल बसों की जगह सीएनजी बसें खरीदने के लिए परिवहन विभाग अनुदान भी देगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने बिहार स्वच्छ ईंधन चालित (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। अभी पटना, दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ नगर निकाय में पहले से चल रही डीजल बसों के संचालकों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा। भविष्य में राज्य के दूसरे शहरों में भी इसका विस्तार किया जाएगा। परिवहन विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।
योजना के अंतर्गत बस संचालकों को नए सीएनजी वाहन की शोरूम कीमत का 30 प्रतिशत या अधिकतम साढ़े सात लाख रुपया अनुदान दिया जाएगा। पहले से स्वीकृत परमिट पर ही नए वाहन के प्रतिस्थापन की स्वीकृति दी जाएगी।

पुरानी बसों को मिलेगी प्राथमिकता

सिटी बस प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सिर्फ पटना जिले में 121 लाभुकों का चयन किया जाएगा। इसके लिए डीजल बस संचालकों को आवेदन देना होगा। लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर अधिक पुराने वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदनों की समीक्षा के लिए डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। इसमें डीटीओ, एसडीओ, एमवीआइ आदि सदस्य होंगे। योजना के कार्यान्वयन की अवधि 31 जुलाई, 2024 तय की गई है। डीटीओ के स्तर से योजना के तहत आवेदन देने के लिए विज्ञापन का प्रकाशन किया जाएगा। अनुदान लेने के बाद अगर पुरानी डीजल बस पटना व आसपास के क्षेत्र में चलती पाई गई तो बस संचालक से अनुदान राशि की वसूली तो होगी ही, कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

Posted By: Inextlive