आईपीएस विकास वैभव को डीजी ने किया शो-कॉज
पटना (ब्यूरो)। बिहार के चर्चित आईपीएस और होमगार्ड व अग्निशमन सेवाएं के आईजी विकास वैभव और उन्ही के विभाग की डीजी शोभा अहोतकर के बीच का विवाद थम नहीं रहा है। विकास वैभव तो 60 दिनों की छुट्टïी पर चले गए लेकिन डीजी अहोतकर ने उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर शो-कॉज कर दिया है। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विकास वैभव के ट्वीट करने को गलत बता कर उन्हें नसीहत दे दी है।
अफसर का काम ट्वीट करना नहींमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अफसर का काम ट््वीट करना नहीं है। दफ्तर से जुड़ी बातों को सार्वजनिक रूप से रखना भी कानूनन गलत है। समाधान यात्रा के क्रम में पूर्णिया पहुंचे मुख्यमंत्री से जब पत्रकारों ने इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वैसे मैंने पूरे मामले की जांच को कहा है।
मुख्यमंत्री ने विकास वैभव के ट््वीट पर कहा कि यह विचित्र बात है। यदि अफसर के साथ कोई समस्या है तो उसके लिए व्यवस्था है। वह अपने वरीय अधिकारियों को अपनी समस्या बता सकता है। शिकायत भी कर सकता है। उसपर तुरंत रिस्पांस किया जाता है। सार्वजनिक रूप से ट््वीट कर अपनी बात रखना उचित नहीं।
डीजी से किया शो-कॉज
इस घटना के बाद डीजी शोभा ओहटकर ने आइजी विकास वैभव को नोटिस भेजकर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। आइजी पर डीजी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा ट््वीट में डीजी की बात रिकार्ड करने का हवाला देते हुए इसे गोपनीयता का उल्लंघन मानते हुए दोषी बताया गया है। यह भी पूछा गया है कि क्यों नहीं आपके इस आचरण के लिए अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की जाए। सूत्रों के अनुसार, देर रात तक आइजी का जवाब नहीं मिल सका है। वह पारिवारिक समारोह में भाग लेने के लिए पहले से स्वीकृत छुट्टी पर हैं।
क्यों न हो अनुशासनिक कार्रवाईमहानिदेशक सह महासमादेष्टा द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि नौ फरवरी की सुबह से इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट््िवटर, वाट््सएप आदि पर आपके ट््िवटर हैंडल से किया गया ट््वीट वायरल हो रहा है। इसमें आपके द्वारा लिखा गया है कि आप डीजी रैंक की महिला आधिकारी से गालियां ही सुन रहे हैं। आपने यह भी लिखा है कि आपके द्वारा रिकार्ड भी किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा कार्यालय की बैठकों में होने वाली चर्चाओं की रिकार्डिंग की जाती है। यह आपकी गलत मंशा का द्योतक है। यह कार्यालयी गोपनीयता कानून के प्रविधानों का भी उल्लंघन है। आपका यह आचरण सर्वथा प्रतिकूल है और आपकी अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता एवं विधि विरुद्ध कार्यों का द्योतक है।