बिहार के लाल का क्रिकेट की दुनिया में चर्चा
पटना (ब्यूरो)। बिहार के लिए समस्तीपुर के रहने वाले वैभव सूर्यवंशी ने फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। 27 मार्च, 2011 को जन्मे वैभव सूर्यवंशी ने 12 साल 284 दिन में फर्स्ट क्लास में डेब्यू किया है। इस तरह वैभव सूर्यवंशी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेलने वाले दुनिया के सातवें सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं। वैभव सूर्यवंशी ने पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में शुक्रवार से मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में डेब्यू किया है। वहीं, इस फेहरिस्त में अलीमुद्दीन टॉप पर हैं। अलीमुद्दीन ने राजपुताना बनाम बड़ौदा मैच में खेला था। उस वक्त अलीमुद्दीन महज 12 साल 73 दिन के थे। राजपुताना बनाम बड़ौदा मैच यह मुकाबला साल 1942-43 में खेला गया था।
वैभव के बल्लेबाजी का सबको इंतेजार
अंडर 14 उम्र वर्ग का यह खिलाड़ी अभी बैटिंग पर नहीं उतरा है। उतरेगा तो क्या करिश्मा दिखाता है, इंतजार बिहार ही नहीं मुंबई की टीम को भी रहेगा। नजर बीसीसीआई की है, क्योंकि यह बार-बार टीम इंडिया की अंडर 19 टीम में अपने परफॉर्मेंस के कारण दस्तक दे रहा है। वैभव सूर्यवंशी लेफ्ट हैंडेड बैट्समैन हैं। इसके अलावा वह स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स बॉलिंग करते हैं। वैभव सूर्यवंशी इंडिया बी अंडर-19 के लिए खेल चुके हैं। बांग्लादेश के खिलाफ अंडर-19 मुकाबले में पिछले दिनों ने 75 रन बनाए थे।
कोच और फेमस क्रिकेटर मनीष ओझा ने बताया कि वैभव ने सात साल की उम्र से किक्रेट खेलना शुरू किया। अभिभावकों ने पहले ही तय कर लिया था कि इसे भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलना है। इसके लिए वह सात साल की उम्र में वैभव को मेरे पास कोचिंग के लिए लेकर आए। एक-एक दिन का गैप देकर वैभव को समस्तीपुर से पटना लेकर आते थे। इस साल उसे हेमंत ट्रॉफी मौका मिला है। इसमें वह बिहार से टॉप स्कोरर रहा। इसमें उसमें चार सेंचुरी लगाई। कुल 670 रन बना सुर्खियों में आया। अंडर 19 वीनू मांकड़ ट्रॉपी में लगातार सेंचुरी लगाकर वह चयनकर्ताओं की नजर में आया। इस शानदार प्रदर्शन के आधार पर वैभव का चयन चैलेंजर ट्रॉपी में हुआ।
पिता किसान बेटा विस्फोटक बल्लेबाज
वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि वह इतनी कम उम्र में रणजी का मैच खेल रहा है, तो मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं चाहता हूं कि वह अच्छा खेलकर बिहार का नाम रोशन करे। हम लोग गांव घर में क्रिकेट खेले, लेकिन उस समय वैसे ही व्यवस्था नहीं थी। मैं एक किसान हूं और मैं शुरू से ही चाहता था कि मेरा बेटा एक क्रिकेटर बने। उनके पिता ने बताया कि वैभव खाने के काफी शौकीन हैं। वैभव 7 साल के हुए तब उनके पिता उन्हें समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में लेकर गए। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर उनके पिता उन्हें पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में ले आए। 10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और सीनियर मैच में रन बनाने भी शुरू कर दिए।
इसके बाद वैभव को सीके नायडू ट्राफी खेलने बेंगलुरु भेज दिया गया। बेंगलुरु में ही उनका सिलेक्शन चैलेंजर ट्रॉफी के लिए हो गया और फिर वह गुवाहाटी में जाकर खेलें। इस खेल के बाद उनका सिलेक्शन अंदर-19 इंडिया के लिए हो गया। आंध्र प्रदेश में हुए इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 50 रन बनाएं, बाकी और विदेशी टीम के सामने भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। फिर उन्होंने कूच बिहार ट्रॉफी के लिए जमशेदपुर भेज दिया गया, जहां उन्होंने मैच में शतक जड़ा। इसके बाद आज वह रणजी में खेल रहे हैं।
सबसे कम उम्र के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर
अलीमुद्दीन 12 वर्ष 73 दिन राजपूताना बनाम बड़ौदा 1942/43
एसके बोस 12 वर्ष 76 दिन बिहार बनाम असम 1959/60
आकिब जावेद 12 वर्ष 76 दिन लाहौर डिवीजन बनाम फैसलाबाद 1984/85
मोहम्मद अकरम 12 वर्ष 217 दिन खैरपुर बनाम क्वेटा 1968/69
मोहम्मद रमज़ान 12 वर्ष 247 दिन उत्तरी भारत बनाम यूडीटी प्रांत 1937/38
रिज़वान सत्तार 12 वर्ष 263 दिन मुल्तान बनाम लाहौर सिटी ब्लूज़ 1985/86
वैभव सूर्यवंशी 12 वर्ष 284 दिन बिहार बनाम मुंबई 2023/24
सलीमुद्दीन 12 वर्ष 354 दिन पाकिस्तान कंबाइंड स्कूल बनाम भारतीय 1954/55
कासिम फ़िरोज़ 12 वर्ष 363 दिन बहावलपुर बनाम कराची व्हाइट्स 1970/71
मुश्ताक मोहम्मद 13 वर्ष 43 दिन कराची व्हाइट्स बनाम सिंध 1956/57