पटना में बड़े हॉर्डिंग मुंबई जैसे खतरे को दे रही है आमत्रंण
पटना ब्यूरो। जिसकी चपेट में आने से 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। राज्य सरकार की ओर से मृतकों को पांच-पांच लाख का मुआवजा देने की घोषणा की गई थी। लेकिन जो चले गए उन्हें लौटा कर कौन लाए। सवाल यहां पर यह भी उठा था कि इन मौत के लिए जिम्मेदार कौन है या फिर इसे प्रकृतिक का कहर मान कर किसी को भी जिम्मेदारी से मुक्त कर दें। बाद में एक जांच में पता चला कि लगाए गए हॉर्डिंग ऑक्शन में निर्धारित किए गए साइज से कहीं अधिक बड़े थे। राजधानी पटना की बात करें तो यहां पर शहर के सबसे व्यस्तम इलाकों में आपको ऐसे दर्जनों होर्डिंग मिल जायेंगे। जहां पर लोगों की हमेशा फुटफॉल होती है। अगर कभी तेज हवा से यह ध्वस्त होता है। तब निश्चित है कि लोग इसकी चपेट में आयेंगे और उनकी जान तक जा सकती है।
जक्शन पर लगे हॉर्डिंग से आने जाने वाले यात्रियों को खतरापटना जक्शन के महावीर मंदिर के सामने पूर्वी साइड में तीन बड़े और विशाल आकार के हॉर्डिंग लगे हैं। हर तीन महीने से या फिर निधार्रित समय के बाद हॉर्डिंग तो बदल जाते हैं। लेकिन एंगल बेस वहीं रहता है। अभी एंगल बेस पर अगर आप नजर दौड़ायेंगे तो इसमें बुरी तरह से जंग लगी हुई है। इसका मतलब है कि काफी दिनों से इसके मेंटेनेस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। हॉर्डिंग के ठीक बगल वाले लेन से जक्शन की ओर लोगों को लगातार आना जाना लगा रहता है और आप कह सकते हैं कि यह सबसे व्यस्तम मार्ग है। अब यह जिस भी ऑथरिटी के तहत आता है। उन्हें इस ओर जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है।
बेउर मोड़ से अनिसाबाद आने में कई हॉर्डिंग हादसे को दे रहे दावत न्यू बाइपास बेउर मोड़ से अनिसाबाद की अगर आप चलते हैं। तब यहां पर कई बड़े -बड़े लेकिन बेतरतीब हॉर्डिंग आपको दिख जायेगा। जो कि निगम के अधिकार क्षेत्र से लेकर प्राइवेट घरों तक पर लगाए गए हैं। बेस एंगल तो काफी खराब स्थिति में है। फिर भी नए-नए ब्रांड को प्रचार के लिए हॉर्डिंग उपलब्ध कराए जा रहे हैं। डाकबंगला चौराहा से लेकर इनकम टैक्स गोलंबर तक हॉर्डिंग साइज से बड़ेडाक बंगला चौराहा पटना का सबसे व्यस्तम चौराहा माना जाता है। यहां से नेहरू पथ की ओर जाने पर विशाल हॉर्डिंग की एक सीरिज सा है। यह हॉर्डिंग आकार में इतने बड़े हैं कि इसमें दो फ्लोर से तीन फ्लोर साइज के छत आराम से समा जायेंगे। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर हॉर्डिंग के परमिशन कुछ और लिया जाता है। जब उसकी साइज मनमाने तरीके से लगाई जाती है। यह ज्यादातर 18 इंटू 8 होता है। लेकिन इसके जगह पर 32 इंटू 8 का हॉर्डिंग साइज लगा दिया जाता है।
अवैध होर्डिंग से भी लाखों की चपत पटनामें लगे अवैध होर्डिंग्स से हर साल नगर निगम को लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की चपत लग रही है। शहर में लगभग साढ़े पांच हजार होर्डिंग्स लगे हैं, जबकि निगम में 1550 होर्डिंग्स ही रजिस्टर्ड हैं। पहले डीएम ने अवैध होर्डिंग्स हटाने के लिए नगर निगम को आदेश भी दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।हॉर्डिंग वाली खबर में अधिकारिक वर्जन
पटना में जितने भी हॉर्डिंग लगे हैं वे सभी अवैध और इलिगल है। इसको लेकर निगम की ओर से कोई रेगुलेशन जारी नहीं किया गया है। जो लोग अपने प्राइवेट मकान पर हॉर्डिंग लगा रखे हैं उन्हें भी निगम की ओर से कोई एनओसी नहीं दिया गया है। यह मामला उच्च स्तर पर उठ चुका है। लोकसभा चुनाव के बाद यह मामला स्टैंडिंग कमेटी में भी रखी जायेगी। इसके बाद इसपर रेगुलेशन बनाया जायेगा।
रंजन सिन्हा
एडीशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर
पटना नगर निगम