प्रेमचंद रंगशाला में लोक पंच पटना की प्रस्तुति मतदाता जागरूकता एवं नाटक शिक्षण की बहाली का हुआ मंचन


पटना ब्‍यूरो। नाट्य शिक्षक की बहाली में बताया गया कि कला संस्कृति के फंड को कम कर दिया गया है और रंगकर्मियों को दी जाने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया गया है। नाटक में रंगकर्मियों के व्य1ितगत जीवन के संघर्ष की अलग-अलगकहानियों को दिखाया गया है, जिसमें एक रंगकर्मी के जीवनके उस पहलू को उकेरा गया है, जहां वह पढ़ाई के बाद भीअपने परिवार और समाज में उपेक्षित है। उन्हें स्कूल, कॉलेजमें एक अदद नाट्य शिक्षक की नौकरी भी नहीं मिल सकती।इसका कारण है कि नाटक के शिक्षकों की बहाली का कोईनियम नहीं है। नाटक खत्म होने के बाद दर्शक तालियां बजाते हैं, स्मृति चिह्न देकर व ताली बजाकर दर्शक उन्हें सम्मानित करते हैं।
यही रंगकर्मी जब अपने घर पहुंचते हैं तो घर में इन से अजीबोगरीब प्रश्न पूछे जाते हैं। नाटक के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि स्कूल और कालेजों में नाट्य शिक्षक की बहाली हो।कलाकारों में मनीष महिवाल, रजनीश पांडे, अभिषेक राज, कृष्ण देव, सोनल कुमारी, रोहित कुमार, राम प्रवेश, प्रिया कुमारी आदि। नाटक के लेखक और निर्देशक मनीष महिवाल हैं।

Posted By: Inextlive