Patna : 34 साल बाद जेपी का घर फिर गूंज उठा. कदमकुआं स्थित चरखा समिति में एक बार फिर सरकार के खिलाफ आवाज उठी. संपूर्ण क्रांति के बाद संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन की बातें सुनाई दीं. अधूरे सपने पूरे करने की चुनौती जनतंत्र में लोकशाही का अधिकार गरीब और अमीर के बीच की खाई को कम करना भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना जन लोकपाल और राइट टू रिजेक्ट के साथ-साथ कई मसले जो जनतंत्र को हिलाने के लिए काफी हैं. इस प्रण के साथ बुधवार कोगांधी मैदान से अन्ना हजारे हुंकार भर रहे हैं.


गांधी-जेपी और बुद्ध की पवित्र भूमिअपनी जनतंत्र रैली की शुरुआत पटना से करने के सवाल पर अन्ना ने बताया कि गांधी-जेपी-भगवान बुद्ध, गुरु गोविंद सिंह और महावीर की भूमि रही है बिहार। यहां से आंदोलन के लिए काफी प्रेरणा मिलती है, इसलिए यहां आए हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद से दूसरे स्टेट में जाकर भी रैलियां की जाएंगी, ताकि जनता जगे और इस व्यवस्था के खिलाफ खड़ी हो पाए। इस मौके पर उनके सहयोगी एक्स लेफ्टिनेंट जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे। मुंबई से पटना एयरपोर्ट के बाद वे सीधे जयप्रभा द्वार पहुंचे, जहां उनका सम्मान चरखा समिति की अध्यक्षा डॉ। तारा सिन्हा और सचिव डॉ। मृदुला प्रकाश ने किया। इसके बाद अन्ना जेपी के कमरे में जाकर उनसे जुड़ी चीजें देखीं। जेपी के कमरे में की प्रार्थना
अन्ना सबसे पहले जेपी के शयन कक्ष में गए और वहां पांच मिनट प्रार्थना की। उन्होंने बताया कि इससे उन्हें काफी उर्जा मिली। अन्ना दो दिनों तक जय प्रभा द्वार के नीचे वाले कमरे में रहेंगे, इसमें एक पलंग और लोगों के बैठने के लिए दरी की व्यवस्था है।  उबला हुआ खाना खाए अन्ना


अन्ना उबला हुआ खाना ही पसंद करते हैं। उनके लिए माया कुमारी खाना तैयार कर रही हं। रोटी, चावल के साथ-साथ मिक्स वेज में बंदा गोभी, गाजर, मटर रहेगा। इसके अलावा भिंडी की भुजिया, कद्दू की सब्जी, दूध और दही। नाश्ता में इडली-चटनी, फोहा, दूध और नारियल का पानी, कद्दू का जूस व अनार का जूस भी लेंगे।जेपी जैसी बात अन्ना में नहीं जेपी को हर दिन कदमकुआं की गलियों में घूमते और लोगों से मिलते देख चुके बिंदेश्वर प्रसाद ने बताया कि जेपी वाली बात अन्ना की रैली में नहीं होगी। अब वक्त बदल चुका है। अब भ्रष्ट लोगों की कमी नहीं है। जेपी अपनी बातों पर लोगों को झुका लेते हैं।

Posted By: Inextlive