पॉलिटिकल उठापटक के बीच आखिरकार बिहार के चीफ मिनिस्टर जीतन राम मांझी को उनकी पार्टी Janata Dal U से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. अब देखना है कि नितीश कुमार का दोबारा चीफ मिनिस्टर बनने का सपना साकार होता है या फिर बीजेपी के सहारे मांझी अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो जायेंगे.


बिहार के चीफ मिनिस्टर जीतन राम मांझी को जनता दल युनाइटेड से बाहर निकाल दिया गया है और पार्टी के सीनियर लीडर्स का कहना है कि उन्हें पार्टी विरोधी कामों के चलते बाहर का रास्ता दिखाया गया है. खबर यह भी मिल रही है कि गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी आज दोपहर में मांझी से मिल सकते हैं. जैसा की लगातार आ रही खबरों से पता चला था कि जेडीयू पार्टी लीडर नीतीश कुमार और पार्टी प्रेसिडेंट शरद यादव काफी टाइम से मांझी को चीफ मिनिस्टर की पोस्ट छोड़ने को कह रहे थे, लेकिन मांझी इसके लिए तैयार नहीं थे. मांझी लगातार दावा करते रहे कि उनके पास हाउस में बहुमत है,  इसके चलते खफा पार्टी लीडर्स ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया.
पॉलिटिकल सिचुएशन पर नजर रखने वालों का कहना है कि दरसल नीतीश कुमार अब खुद सीएम बनना चाहते हैं ताकि इस साल होने वाले बिहार असेंबली इलेक्शन में कंट्रोल उनके हाथों में रहे. अपने इसी इरादे को पूरा करने की प्लानिंग के चलते वे जेडीयू विधायक दल के न्यूंली इलेक्टेड लीडर के तौर पर वे सरकार बनाने का दावा करने के लिए मंडे को दोपहर डेढ़ बजे गवर्नर त्रिपाठी से मिलने वाले हैं. स्टेसट असेंबली से जुड़े लोगें से मिल रही न्यूज से पता चला है कि गवर्नर मंडे मार्निंग साढ़े नौ बजे के करीब कोलकाता से पटना पहुंचे हैं. इससे पहले संडे को नीतीश ने जेडीयू, राजद, कांग्रेस, भाकपा और एक इंडीपेंडेंट एमएलए के सर्पोट वाला लेटर राजभवन को सौंप दिया था. उन्होंने 233 मेंबर वाले बिहार असेंबली हाउस में उन्हें 130 विधायकों का सर्पोट हासिल होने का दावा किया है.

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Posted By: Molly Seth