सूचना प्रौद्योगिकी आईटी मिनिस्‍ट्री मंत्रालय का कहना है कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाले मोबाइल नंबर्स का एक अलग से डाटाबेस तैयार करना होगा। बता दें कि यह निर्णय सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ते यूजर्स को लेकर जानकारी नहीं होने जैसे मुद्दों को सुलझाने में मदद करेगा।


नई दिल्ली (पीटीआई)। सोशल मीडिया पर बढ़ते फेक यूजर्स पर लगाम कसने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी मिनिस्‍ट्री) मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। आईटी मंत्रालय ने एक प्रस्ताव में कहा है कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों को नए नियमों के तहत सभी यूजर्स के एक्टिव मोबाइल नंबरों की पुष्टि करनी होने और साथ ही उनके लिए एक अलग से डाटाबेस भी तैयार करना होगा। मंत्रालय ने कहा है कि सत्यापन कारणों के चलते सोशल मीडिया कंपनियों को यह डेटाबेस बनाना है। सूत्रों का कहना है कि यह प्रस्ताव सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रहे यूजर्स को लेकर जानकारी नहीं होने जैसे मुद्दों को सुलझाने में मदद करेगा। खास बात यह है कि पहली बार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए मौजूदा नियमों में संशोधन कर इस तरह का प्रस्ताव पेश किया गया है। कानून मंत्रालय को भी भेजा गया है मसौदा
सूत्रों ने कहा है कि इन कंपनियों को संशोधित नियमों के तहत उपयोगकर्ताओं की ट्रेसबिलिटी सहित कठोर दायित्वों का पालन करना होगा। मंत्रालय ने कानून मंत्रालय को संशोधित नियमों का एक मसौदा भेजा है।सूत्रों ने यह भी बताया है कि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियां और मध्यवर्ती संस्थान को उनकी ड्यूटी और जरूरत के बीच फर्क समझना होगा। इसके अलावा, उन्हें नियमों के तहत जरूरत और उनके दायित्वों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा। बता दें कि इन प्रस्तावित संशोधनों को लेकर नियमों का मसौदा दिसंबर 2018 में प्रस्तुत किया गया था। इस मुद्दे को लेकर आईटी मंत्रालय में कई बार बैठकें भी हो चुकी हैं।

Posted By: Mukul Kumar