संजय दत्त की बायोपिक अंडर प्रोडक्शन है। लोगों को इसका इंतजार है। साथ ही लोग अभी भी आशा लगाए बैठे हैं कि संजय दत्त 'मुन्नाभाई चले अमरीका' जो कि डब्बाबंद है में जल्द ही वापस नजर आएंगे सही भी है जेल से बाहर निकलने के बाद लोग उन्हें मुन्नाभाई के किरदार में देखना चाहते हैं उनमें मैं भी शामिल हूँ। पर संजू बाबा की बॉलीवुड में री एंट्री हो रही है भूमि से। कैसी है भूमि आइये आपको बताते हैं।

समीक्षा

रेप रेवेंज की स्टोरी सुनाती ये इस साल तीसरी बड़ी फिल्म है, इससे पहले इस साल हम ऐसी ही कहानियां हम मातृ और मॉम में देख चुके हैं, ये फिल्म महेश मांजरेकर द्वारा निर्देशित संजय दत्त की ही फिल्म पिताः की रिमेक लगती है। फ़िल्म का नरेटिव और ट्रीटमेंट, दशकों पुराना सा है। वही उमंग कुमार जिन्होंने इससे पहले मैरी कॉम और सरबजीत जैसी फिल्में दी है, वो इस बार संजय दत्त जैसे बड़े और दमदार अभिनेता के होते हुए , जैसे चूक गए। फिल्म बेहद प्रेडिक्टेबल है और इसी वजह से फिल्म में दर्शक मन नहीं लगा पाते। फिल्म 'हीरोइज़्म सिंड्रोम' से भी ग्रसित है इसलिए फ़िल्म के एक्शन सीनज़ में जब एक दम से बापू जी 'बदला' शुरू करते हैं तो आप एक पल के लिए सोच में पड़ जाते हैं और कह उठते हैं, 'बस यही देखना बाकी था'। फिल्म का स्क्रीनप्ले और डॉयलॉग डेंटेड हैं और अनइंटेरेस्टिंग हैं। फिल्म का पार्श्वसंगीत बेहद लाउड है। आइटम नंबर फिजूल में ठूंसा हुआ है।

 

रेटिंग : 2.5 STAR

 

क्या आया पसंद

फिल्म की सिनेमेटोग्राफी बेहद अव्वल दर्जे की है और एक्शन सीन अन रियल ही सही पर बड़े अच्छे कोरियोग्राफड़ हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स बढ़िया है।


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अदाकारी :

यही वो डिपार्टमेंट है जिसकी वजह से ये फिल्म अपनी खराब स्क्रिप्ट और डेटेड नरेटिव के बावजूद आपका ध्यान अपनी ओर खींच के रखती है। फिल्म में संजय दत्त का शानदार अभिनय हैं, ये वही संजय दत्त है, जैसे जनता उनको जानती और पसंद करती रही है। उनको स्टैंडिंग ओवेशन। अदिती राव हैदरी का काम भी बढ़िया है, उनके एक्सप्रेशन फिल्म के इमोशनल कनेक्ट को स्ट्रांग बनाते हैं। शरद केलकर का काम भी बढ़िया है, मतलब विलेन भी टक्कर का है।

 

 

 

अगर बॉलीवुड में नहीं होता नेपोटिज्म तो ये एक्टर शायद ही स्टार बन पाते!

कुल मिलाकर ये बढ़िया परफॉर्मेंस वाली एक औसत फिल्म है, पर फिर भी अपने जानदार परफॉर्मेंस के लिए और अपनी रेलेवेंट थींम के लिए एक बार आप ज़रूर देख सकते हैं, पिताः रिटर्न्स...ऊप्स भूमि।

 

फ़िल्म का बॉक्सऑफिस प्रेडिक्शन : 10-20 करोड़


Review by:
Yohaann Bhaargava, www.facebook.com/bhaargavabol

 

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Posted By: Chandramohan Mishra