Bhole Baba On Hathras Stampede: स्वयंभू संत सूरज पाल सिंह या 'भोले बाबा' ने शनिवार को हाथरस भगदड़ मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी जिसमें 121 लोग मारे गए। बाबा ने कहा कि जिन्होंने अराजकता फैलाई उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही लोगों से सरकारी जांच पर भरोसा रखने का आग्रह किया है।


मैनपुरी (एएनआई)। Bhole Baba On Hathras Stampede: नारायण साकार हरि के नाम से मशहूर सूरज पाल ने एक वीडियो बयान में इस सप्ताह की शुरुआत में हाथरस जिले के फुलारी गांव में 'सत्संग' के दौरान मची भगदड़ में हुई 121 मौतों पर दुख व्यक्त किया और शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 2 जुलाई की घटना से मैं बहुत दुखी हूं। भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। इसके साथ ही भोले बाबा ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से मैंने समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोकाकुल परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें। देव प्रकाश मधुकर ने किया सरेंडर
पुलिस एफआईआर के अनुसार, केवल 80,000 लोगों की अनुमति के बावजूद लगभग 250,000 लोग एकत्र हुए थे। वहीं अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा, "हाथरस मामले में एफआईआर में नामजद देव प्रकाश मधुकर, जिसे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था, ने विशेष जांच दल (एसआईटी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। अब पूरी जांच हो सकती है...उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाना चाहिए, वह हृदय रोगी है और उसके साथ कुछ भी गलत नहीं होना चाहिए। हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाथरस में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की हाथरस जाते समय अलीगढ़ में भी रुके और पीड़ित परिवारों से मिले।न्यायिक जांच आयोग का गठन हुआयूपी सीएम ने मारे गए लोगों के परिवारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व साथ ही घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। न्यायिक आयोग अगले दो महीनों में भगदड़ की घटना की जांच करेगा और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। फर्स्ट इंफारमेशन रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ तब हुई, जब श्रद्धालु आशीर्वाद लेने और उपदेशक के पैरों के आसपास की मिट्टी इकट्ठा करने के लिए दौड़े, लेकिन उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद उन्होंने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया, जिससे कई लोग गिर गए और घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई।

Posted By: Shweta Mishra