भारत बंद: जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ विरोध तेज, सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक प्रशासन हुआ एलर्ट
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए जारी की एडवाइजरी
नई दिल्ली (प्रेट्र)। आज एक बार फिर भारत बंद का ऐलान हुआ है। इससे पहले एससी/एसटी एक्ट में कुछ बदलाव होने से देश के कुछ संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद रखा था। वहीं आज नौकरी और शिक्षा में जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ दूसरे कुछ समूहों द्वारा भारत बंद का ऐलान किया गया है। ऐसे में देश में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कल गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी यानी कि परामर्श जारी किया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कहा गया है सभी राज्य किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उपयुक्त व्यवस्था करे।
सोशल मीडिया पैनी नजर ताकि फैलने न पाए कोई मैसेज
प्रशासन को संवेदनशील स्थानों में गश्त करने के लिए कहा गया है जिससे कि किसी भी तरह की क्षति या संपत्ति को नुकसान न होने पाए। प्रशासन सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर पैनी बनाए रखे जिससे कि इसके जरिए कहीं कोई गलत संदेश न फैल पाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी क्षेत्र में शांति व्यवस्था बिगड़ती और हिंसा होती है तो इसके जिम्मेदार वहां के मजिस्ट्रेट और एसपी होंगे। ऐसे में मजिस्ट्रेट और एसपी ऐसे कदम उठाएं जिससे कि उसके अधिकार क्षेत्र के कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रहें। बतादें कि इससे पहले 2 अप्रैल को हुए भारत बंद हुआ था।
2 अप्रैल को हुए भारत बंद को लेकर शासन-प्रशासन एलर्ट
बीते मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के गलत इस्तेमाल होने पर चिंता जाहिर करते हुए कुछ बदलाव किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना मामले की जांच के गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे में संगठन और कुछ राजनीतिक दल भारत बंद कर सड़कों पर उतर आए थे। उनका कहना था किदलितों के विरूद्ध हिंसा के मामले और ज्यादा बढ़ेंगे। दौरान देश के कुछ राज्यों में माहौल काफी खराब हो गया था। कई राज्यों में हुई हिंसा में जनहानि के साथ बड़ी संख्या संपत्ति और धनहानि भी हुई थी। ऐसे में इस बार प्रशासन पूरी तरह से एलर्ट है।