'गीता' पर महाभारत
साइबेरिया में हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता पर पाबंदी की मांग को लेकर खड़े हुए विवाद पर रूस ने अफसोस जताते हुए कहा है कि इस पवित्र ग्रंथ को अदालत में ले जाना अस्वीकार्य है.
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भगवान कृष्ण को अपमानित करने के किसी भी क़दम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कई सांसदों ने भी ऐसी ही राय प्रकट की. लालू प्रसाद यादव ने सरकार से अपील की कि वो इस मामले पर रूस से अपना कड़ा विरोध दर्ज कराए.गीता है प्रतिष्ठित किताब
साइबेरियाई शहर तोमस्क की एक अदालत द्वारा फैसला टालने के बाद इस्कॉन के साधु प्रिय दास ने रिपोर्टर्स से कहा, ‘‘फैसला 28 दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया है क्योंकि इस्कॉन की स्थानीय इकाई के वकील ने अदालत से रूसी लोकपाल और रूस में इंडोलाजी के मुख्य केन्द्र मास्को तथा सेंट पीटर्सबर्ग के विशेषज्ञों से राय लेने की मांग की.’’इससे पहले रूस के लोकपाल औम्बुड्समैन व्लादिमीर लुकिन ने अपना बयान जारी करके घोषणा की थी कि इस्कॉन के संस्थापक ए सी भक्तिवेदांता स्वामी द्वारा लिखित ‘भगवद गीता एज इट इज’ विश्व भर में प्रतिष्ठित पुस्तक है और रूस में इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग अस्वीकार है.न्यायपालिका पर भरोसा
अमेरिका में हिन्दू नेता राजन जेद ने भी तोमस्क में गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग की आलोचना की है. इसके पहले बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके भी मांग की गई कि रूस की अदालत में भगवद गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले मुकदमे के मामले में केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे.