जब भी कोई ऐप डाउनलोड किया जाता है तो आपके स्मार्टफोन से वो कई जानकारियों की तलाश में रहता है.

इस जानकारी तक पहुंचने के लिए वो आपसे इजाज़त मांगता है और आप उसकी इजाज़त दे देते हैं.
ऐसा शायद कभी नहीं हुआ होगा कि परमिशन लिस्ट देखकर आपने ऐप को डाउनलोड नहीं करने के बारे में सोचा होगा.
ऐप के बारे में बिना कुछ जानकारी के डाउनलोड करना ख़तरनाक हो सकता है.

अगर आपने किसी भी वेबसाइट के ऐप को डाउनलोड कर लिया है तो उस ऐप को स्मार्टफोन से जानकारी लेने की इजाज़त ज़रूर दी होगी.
जो भी एसएमएस आपके स्मार्टफोन पर आता है ऐप उसको पढ़ सकता है. तो अगर आपने फ्लिपकार्ट के ऐप को डाउनलोड किया है और कभी अमेज़न से सामान खरीदा है तो फ्लिपकार्ट तक उसकी खबर ज़रूर पहुंच जायेगी.
जब भी आप अपने स्मार्टफोन या टैबलेट पर कुछ खरीदने के लिए ढूंढ रहे होते हैं तो एक विशेष सॉफ्टवेयर आपकी पसंद पर पैनी नज़र रखता है.
आपकी डिवाइस के इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस से वेबसाइट को आपके पहले की पसंदों के बारे में भी पता होता है. और उस जानकारी के हिसाब से वेबसाइट आपको वैसे ही सामान दिखाता है.
अगर आपके बैंक से जुड़े एसएमएस भी उसी स्मार्टफोन पर आते हैं तो ऐप के पास ये भी जानकारी पहुंच सकती है कि आपके बैंक में कितने पैसे हैं.

चूंकि ये सभी ऐप आपके बारे में जानकारी इकट्ठा करते रहते हैं इसलिए थोड़े दिन में उन्हें ये भी पता लग जाएगा कि बैंक में हर महीने आपके कितने पैसे आते हैं और, अक्सर, कितने पैसे आपके बैंक में रहते हैं.
इसलिए ऐप को, चाहे वो बैंक का हो या किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट का, आपकी प्रोफ़ाइल तैयार करने में मदद मिलती है.
एक बार ये प्रोफ़ाइल तैयार हो गया उसके बाद आपके बारे में और जानकारी इकट्ठा करना बहुत आसान हो जाता है.
ऐसा होने के बाद ई-कॉमर्स कंपनियां या ऐप आपके प्रोफाइल को बहुत अच्छे से जानने लगती हैं. और फिर पता नहीं आपका प्रोफाइल कहां-कहां जा सकता है.
लेकिन सभी ऐप को डाउनलोड करना कितना खतरनाक हो सकता है वो यहां पढ़ सकते हैं.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari