ये बात बिल्‍कुल सच है। आप भले इस बात की हिमायत न करें लेकिन ऐसा एक रिसर्च के बाद साबित हो चुका है कि एक कामयाब बेटी के पीछे एक सख्‍त मां का ही हाथ होता है। अक्‍सर देखा गया है कि एक टीनएज बच्‍ची के साथ सामंजस्‍य बैठा पाने में अक्‍सर मां को काफी मुश्‍किलें आती हैं। उसको किसी गल्‍ती के बारे में समझाने से पहले मां को कई बार सोचना पड़ता है कि कहीं उससे ऊंची आवाज में बात करना गलत तो नहीं हो जाएगा। कई बार तो मां उसकी टीनएज को समझते हुए उसे उस गलती से वाकिफ कराने की जहमत भी नहीं उठातीं। उनका सोचना होता है कि उम्र के साथ वह खुद समझ जाएगी लेकिन ऐसा नहीं है। एक रिसर्च में ये बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है कि टीनएज में मां की सख्‍ती करना बच्‍ची को भविष्‍य में कामयाबी की राह पर ही ले जाता है। आइए जानें और क्‍या बताया गया है रिसर्च में।


2 . इसको लेकर रिसर्चर एरिका रेसकन रामिरेज़ कहती हैं कि कई मामलों में देखा गया है कि हम उस काम को ही करना ज्यादा आसान मानते हैं, जो हमें अच्छा लगता है। वह काम जो हमारे हिसाब से अच्छा और आसान होता है। फिर चाहें वह काम कितना ही हमारे पेरेंट्स की मर्जी के खिलाफ हो। अब यहां कोई फर्क नहीं पड़ता कि उस काम को अपनी मर्जी से करने में हमें अपने पेरेंट्स को नजरअंदाज करने में कितनी मेहनत लगती है। उसके लिए कई बार हमारे पेरेंट्स हमको बेहद प्यार से मना करते हैं, समझाते हैं, लेकिन हमें उनकी भावनाओं की कोई कर्द नहीं होती।  4 . ऐसे पेरेंट्स अपनी बच्चियों को बड़े होने पर टीनएज में मां बनने की सलाह नहीं देते। बल्कि इसके बारे में सख्ती से उन्हें समझाते हैं।
6 . वहीं बीते चार सालों के ग्राफ को देख लें तो यूरोप में ब्रिटेन अभी भी ऐसी जगह है जहां कम उम्र में मां बनने के कई मामले सुनाई देते हैं।


8 . टीनएज में ही बनने वाली मां के बच्चों के भी आगे कई दुष्परिणाम हैं। मसलन उसकी कमजोर हेल्थ, ओबेसिटी प्रॉब्लम, स्कूल में अच्छा रिस्पॉन्स न करना। ऐसे में प्रेग्नेंसी के लिए भी मां की सख्ती ही आपके लिए हितकर होगी।Relationship Newsinextlive fromRelationship Desk

Posted By: Ruchi D Sharma