Baywatch Review: छिछोरी और घिसी पिटी हॉलीवुड फिल्म में फंसी प्रियंका चोपड़ा
कहानी:
हॉलीवुड का ‘ढिशूम’, रिमेक समझिये, जिसमे मिलाप जावेरी जोक्स का तड़का लगाते हैं। ये फिल्म कहानी विहीन है, उतनी ही कहानी है जो ट्रेलर में दिखती है
समीक्षा:
क्या सोचा था और क्या निकली ये फिल्म। ये फिल्म गयी पिछली बुरी बॉलीवुड फिल्मों से भी रद्दी है, न ही ये अच्छी कॉमेडी है, न ही अच्छी एक्शन फिल्म है। फिल्म की कहानी हड़प्पा की खुदाई में से निकली हुई सी लगती है। मैंने फिल्म अंग्रेजी में देखी है, इसलिए जानना चाहूंगा की कुछ (बेहद भद्दे, टेस्टलेस और यूज़लेस) जोक्स का हिंदी अनुवाद कैसे किया गया है। ऐसे भद्दे जोक्स से फिल्म चलेगा ऐसा समझना बेवकूफी है क्योंकि कुछ समय से भारत की जनता ने सेक्सुअल जोक्स को नापसंद करना शुरू कर दिया है (क्या कूल हैं हम 3, मस्तीजादे और ग्रेट ग्रैंड मस्ती तीनों का पिटना इस बात का सबूत हैं) बे सिर पैर की घटनाएं और बेहद अजीब किस्म के वीऍफ़एक्स जो कि निहायत ही नकली लगते हैं, उनसे ये फिल्म और भी फुलिश लगने लगती है। फिल्म में तीन मेन किरदार ही हैं, (ड्वेन जोनसन , प्रियंका चोपड़ा और ज़ाक आफरोन ) बाकी सभी लडकियां केवल स्किन शो के लिए ही हैं, वो भी कुछ ख़ास हेल्प नहीं करेगा क्योंकि इतना स्किन शो तो मधुर भंडारकर की कैलेंडर गर्ल्स के पोस्टर पे भी था, फिर भी वो नहीं चली थी।
हर डिपार्टमेंट में ये फिल्म मात खाती है, तो क्यों देखी जाए बेवाच
अगर आप ड्वेन जोनसन के परम भक्त हैं तो ये फिल्म देख सकते हैं, पूरी फिल्म में उनका खूब महिमा मंडन किया गया है। प्रियंका का काम फिल्म में बहुत अच्छा है। वही अकेली किरदार हैं इस फिल्म की जो स्किन शो के लिए नहीं हैं, इनफैक्ट जो उनको दिया गया है वो उन्होंने बखूबी निभाया है। पर एक सवाल प्रियंका से भी पूछना चाहिए, ऐसी क्या जल्दी थी आपको हॉलीवुड में फिल्म करने की , जो आपने इतनी वीक और स्टूपिड फिल्म चुनी अपने हॉलीवुड डेब्यू के लिए। इससे कहीं ज्यादा अच्छा तो आपका वौइस् ओवर डेब्यू था, जंगल बुक में। दिल खुश हो गया था।
फिल्म का बॉक्स ऑफिस प्रेडिक्शन
ये फिल्म कितनी चलेगी ये कहना मुश्किल है, पर ये फिल्म भारत में भी ज्यादा लोगों को पसंद आने से रही। फिल्म का भारतीय बॉक्सऑफिस 10 करोड़ तक जा सकता है।
Reviewed by: Saurabh Bharat
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