गृ‍ह मंत्रालय ने आखिरकार अपने पुराने रुख से पलटी खा ही ली. इसी क्रम में मंत्रालय ने आधार योजना का पूर्ण समर्थन किया है. इस पर गृह मंत्रालय का कहना है कि यह कभी भी कहीं भी किसी भी तरह इसके लाभार्थियों को इसके सर्टिफ‍िकेशन में मदद करेगी. गौरतलब है कि गृह मंत्रालय का ताजा रुख यूपीए के रुख से पूरी तरह से उलट है. जैसा कि सुशील कुमार शिंदे और पी चिदंबरम के कार्यकाल में व्‍यक्‍त किए गए थे.

आधार कार्ड के हैं कई फायदे
याद हो कि यूपीए सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडीएआई) के आंकड़ों की गहन विश्वसनीयता पर चिंता जताई थी. उस समय गृह मंत्रालय ने आधार संख्या प्राप्त करने के लिए लोगों की ओर से पेश किए गए पहचान और पते के प्रमाण संबंधी दस्तावेजों पर सवाल खड़ा कर दिया था. राज्य सरकारों को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है कि आधार कार्ड के कई फायदे हैं. इसका इस्तेमाल कई जगह पर पहचान दिखाने के लिए आसानी से किया जा सकता है. इतना ही नहीं कोई भी व्यक्ति बैंक में खाता खुलवाने के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल कर सकता है, जहां आरबीआई के नियमों के तहत उसे केवाईसी पेश करना होता है.  
कई जगह है 'आधार' का इस्तेमाल
गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को लिखे गए अपने पत्र में कहा है कि आधार संख्या सिर्फ एक व्यक्ति को दी जाती है. इससे एक पहचान की हर तरह से पुष्टि करने में पूरी मदद मिलती है. इतना ही नहीं आधार कार्ड कमजोर और जरूरतमंद लोगों को बैंकिंग सुविधा जैसी सेवाओं तक पहुंच बनाने में बेहद आसानी से मदद करता है. इसमें यह भी कहा गया है कि क्योंकि आधार व्यक्ति की भौगोलिक और बायोमीट्रिक सूचना पर आधारित है, इसलिए धोखाधड़ी और फर्जी गतिविधियों को खत्म करने में भी इसकी बहुत मदद मिलेगी. पत्र के अनुसार आधार व्यक्ति को वैश्विक पहचान देगा. इससे कभी भी, कहीं भी और किसी भी तरह के कार्ड होल्डर की पहचान आसानी से की जा सकेगी.
योजना आयोग की जगह कोई और
खबर है कि नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार नई आधिकारिक संस्था का ढांचा भी पेश कर सकती है, जो योजना आयोग की जगह ले लेगा. इसकी जानकारी सूत्रों ने दी है. शीत सत्र में सांसद निश्चित तौर पर आयोग की जगह वैकल्पिक संस्था के गठन की स्थिति पर सवाल उठाएंगे. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से इसकी घोषणा भी की थी. आयोग में विशेषज्ञों की बैठक में नई संस्था के संबंध में चर्चा भी हुई और सरकार को कई सुझाव भी दिए गए. अब वह बात और है कि प्रधानमंत्री ने अभी तक इस पर अपनी अंतिम राय नहीं बनाई है.

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Posted By: Ruchi D Sharma