Basant Panchami 2023 : बसंत पंचमी पर क्यों पहनते हैं पीले रंग के कपड़े, जानें सरस्वती पूजा में पीले रंग का महत्व
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Basant Panchami 2023 : माघ महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी पर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती का पूजन किया जाता है। इस वर्ष बसंत पंचमी पर्व 26 जनवरी, गुरुवार को मनाया जा रहा है। यह त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर और पूर्वी हिस्सों पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और बिहार में इस दिन सरस्वती पूजा भव्य तरीके से की जाती है। लोग अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए ज्ञान की देवी सरस्वती की विधिविधान से पूजा करते हैं। बसंत पंचमी को देवी सरस्वती का जन्म होने से इसे 'सरस्वती जयंती' के नाम से भी जाना जाता है।
पीले रंग का विशेष महत्व होता
हिंदू धर्म में पीला रंग शुभता का प्रतीक माना गया है। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि देवी सरस्वती को पीला रंग बहुत पसंद है। वह स्वयं भी पीले वस्त्र धारण करती हैं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं। इतना ही नहीं पीले रंग की मिठाई भी बनाते हैं व मां सरस्वती को पीले रंग का ही भोग लगाते हैं ताकि विशेष रूप से देवी मां की कृपा उन पर बनी रहे। पीला रंग ऊर्जा और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। यह सबसे ज्यादा जीवंत रंगों में से एक है। ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती ब्रह्मा, विष्णु और महेश को क्रमशः ब्रह्मांड को बनाने, बनाए रखने और नष्ट करने में मदद करती है।
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