अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जापान को आश्वस्त किया है कि चीन के साथ उसका जिन द्वीपों को लेकर विवाद चल रहा है वे दोनों देशों के बीच मौजूद द्विपक्षीय रक्षा संधि के तहत आते हैं.


एशिया दौरे पर जाने से पहले एक साक्षात्कार में ओबामा ने कहा कि इन द्वीपों पर जापान के नियंत्रण को कमज़ोर करने की किसी भी कोशिश का अमरीका विरोध करेगा.अमरीकी अधिकारी पूर्व में ऐसे बयान दे चुके हैं लेकिन ओबामा ने पहली बार इस मामले में खुलकर अपने विचार रखे हैं.23 से 29 अप्रैल तक होने वाले एशिया दौरे के पहले चरण में  ओबामा बुधवार को जापान पहुँचे. इसके बाद उनका दक्षिण कोरिया, मलेशिया और फिलीपींस जाने का कार्यक्रम है.इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह विवादित द्वीपों के जापान-अमरीका रक्षा संधि के तहत लाने का विरोध करता है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता किन गांग ने बीजिंग में नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "तथाकथित अमरीका-जापान गठबंधन शीतयुद्ध के दौर से ही दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय व्यवस्था है और इससे चीन की क्षेत्रीय अखंडता को नुक़सान नहीं पहुँचना चाहिए."एजेंडा
ह्वाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति की यह यात्रा आर्थिक सहयोग मज़बूत करने पर केंद्रित होगी, लेकिन क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले और चीन के साथ रिश्ते बातचीत का प्रमुख एजेंडा होंगे.


अमरीका के पूर्व सहायक विदेश मंत्री पीजे क्राउले ने बीबीसी को बताया कि ओबामा का यह दौरा यह साबित करने की कोशिश है कि  एशिया को अमरीका काफ़ी महत्व देता है और सहयोगी देशों के नेतृत्व के साथ संबंधों को मज़बूत करना चाहता है.उन्होंने कहा कि यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमरीका के प्रमुख सहयोगी देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है. विशेषकर चीन और अमरीका के सहयोगी देशों के बीच रिश्तों में तनाव बना हुआ है.माना जा रहा है कि जापान में ओबामा टोक्यो और बीजिंग के बीच सहयोग को एजेंडे में सबसे ऊपर रखेंगे.पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों पर दोनों देशों के दावों के कारण रिश्तों में तनाव है. जापान का इन  द्वीपों पर नियंत्रण है, लेकिन चीनी जहाज़ बार-बार इन क्षेत्रों में आवाजाही कर रहे हैं.जापान इसे अपना जलक्षेत्र कहता है लेकिन चीन इस पर अपना दावा कर रहा है.ओबामा ने जापान के एक समाचारपत्र 'योमिउरी' को दिए एक लिखित बयान में कहा कि अमरीका "इन द्वीपों पर जापान का नियंत्रण कमज़ोर करने के किसी भी एकतरफ़ा प्रयास का विरोध करता है."जापान अपनी सुरक्षा के लिए अमरीका पर निर्भर है. दोनों देशों के बीच विश्व युद्ध की समाप्ति पर रक्षा समझौता हुआ था जो अब भी मौजूद है.

हालांकि अमरीका चाहता है कि जापान अपनी सुरक्षा के लिए बड़ी ज़िम्मेदारी स्वीकार करे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh