क्रिकेट सिर्फ चौके-छक्‍कों का खेल नहीं है। यहां गेंदबाजों को भी हुनर दिखाने का पूरा मौका मिलता है। हैट्रिक लेना हो या यॉर्कर से स्‍टंप उखाड़ना....गेंदबाजों के पास काबिलियत हो तो कुछ भी कर सकता है। ऐसा ही एक गेंदबाज था भारत का जिसे कंजूस गेंदबाज भी कह सकते हैं। क्‍योंकि वो लगातार 21 ओवर मेडन फेंक लेता था। आइए जानें कौन है वो...

12 जनवरी का वो दिन
भारत और इंग्लैंड के बीच वैसे तो कई बड़े-बड़े मैच खेले गए हैं। एक मैच ऐसा भी था जो इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। साल 1964 की बात है। इंग्लिश टीम सात हफ्तों के टूर पर भारत आई हुई थी। पहला टेस्ट मैच 10 जनवरी को मद्रास में शुरु हुआ। भारत की टीम पहले बैटिंग करने आई और 7 विकेट के नुकसान पर 457 रन बनाए। जवाब में इंग्लिश टीम पहली पारी में 317 रन पर ही आलआउट हो गई। भारत की तरफ से बापू नाडकर्णी ने सबसे बेहतर गेंदबाजी की क्योंकि उनको कोई विकेट नहीं मिला था। इसके बावजूद बापू वो काम कर गए थे, जिसका सपना हर कोई गेंदबाज देखता है। बापू ने इस पारी में कुल 32 ओवर फेंके जिसमें उन्होंने सिर्फ पांच रन दिए और 27 ओवर मेडन रहे। यही नहीं बापू ने 21 ओवर लगातार बिना रन दिए फेंके।
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प्रति ओवर दिए सिर्फ 1.67 रन
बापू नाडकर्णी भारत के हरफनमौला खिलाड़ी माने जाते थे। वह मध्यक्रम पर बैटिंग भी कर लेते थे। बापू ने कुल 41 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 1414 रन बनाए। उनका सर्वाधिक व्यक्ितगत स्कोर 122 रन था। अब अगर गेंदबाजी की बात करें तो बापू ने अपने पूरे करियन में प्रति ओवर मात्र 1.67 रन दिए। और 88 विकेट भी झटके।
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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari