Bank Maintenance Charge: आप भी भर रहे हैं मेंटेनेंस, जानिए बैंक कैसे वसूलते हैं अलग-अलग चार्जेस
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Bank Maintenance Charge: आज के समय में लगभग हर व्यक्ति का बैंक में अकांउट है। इस अकांउट को ठीक से मैनेज करने के लिए बैंक ग्राहकों से कई तरह के चार्जेस लेते हैं। आपको लगता होगा कि सिर्फ प्राइवेट बैंक ही मेंटेनेंस लेते हैं। जबकि ऐसा नहीं है प्राइवेट के साथ साथ सरकारी बैंक भी मेंटेनेंस वसूलते हैं। इन चार्जेस में मिनिमम बैलेंस चार्ज भी शामिल है। न सिर्फ प्राइवेट बैंक बल्कि सरकारी बैंक भी मिनिमम बैलेंस चार्ज लेते हैं। यहां तक कि भारतीय स्टेट बैंक भी मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना करने पर चार्ज लगाती थी। काफी सारी आलोचनाओं के बाद एसबीआई नें मेंटेनेंस लेना बंद कर दिया। आपको बता दें कि पिछले 5 सालों में सरकारी बैंकों ने ग्राहकों पर अलग अलग तरह के चार्जेस लगाकर करीब 8500 करोड़ रूपये की कमाई की है।
सबसे ज्यादा चार्जेस लगाने वाले बैंकवित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक,बैंक आफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, केनरा बैंक और बैंक आफ इंडिया देश के टॉप 5 सरकारी बैंक हैं जो ग्राहकों से हाई मेंटेनेंस चार्ज करते हैं।इसके बाद इस लिस्ट में यूनियन बैंक आफ इंडिया, पंजाब एण्ड सिंध बैंक,यूको बैंक,बैंक आफ महाराष्ट्र के साथ 11 बैंकों को शामिल किया गया है।
कितना लगता है चार्जबात अगर चार्जेस लगाने की करें तो कुछ बैंक तिमाही के आधार पर मिनिमम बैलेंस मेंटेन चार्ज लेते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ बैंक मंथली चार्जेस वसूलते हैं। आपको बता दें कि सरकारी बैंक सेविंग अकाउंट पर मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर ग्राहकों से 100 से 250 रूपये तक चार्ज करते हैं। इसके साथ ही करेंट अकांउट पर ये चार्जेस बढ़कर 400 से 600 रूपये तक हो जाते हैं।
कितने तरह के चार्जेस हैं शामिल सरकारी बैंक मिनिमम बैलेंस मेंटेन के अलावा और भी कई तरह के चार्जेस ग्राहकों से वसूलते हैं। जैसे-ग्रहकों को बैंक लोन और अकांउट ओपनिंग के टाइम पर डाक्यूमेंटेशन चार्ज देना पड़ता है।
अगर आपको बैंक स्टेटमेंट निकालना है तो इसके लिए भी आपको चार्ज देना पड़ेगा।
किसी व्यक्ति का अगर कोई पेमेंट डिफाल्ट होता है तो बैंक चार्ज वसूलता है।
अगर आपको ओवरड्राफ्ट लिमिट से ज्यादा पैसै निकालने हैं तो भी आपको चार्जेस भरने पड़ेंगे।
लोन लेने के समय अगक ग्राहक टाइम से लेंस शीट सबमिट नहीं करता है या फिर पेपर के रिन्यूअल करवाने में देरी करता है तब भी बैंक ग्राहक से पेनाल्टी वसूलता है।