आज के दौर में महिलाओं को पुरुषों से कम आंकना एक बड़ी भूल होगी। हालांकि आज भी ऐसे कई मामले देखने को मिलते हैं महिलाओं की ख्‍वाहिशों को दबाने की कोशिश होती है लेकिन बुलंद हौसलों से वह फिर भी आगे बढ़ती जाती हैं। बांग्‍लादेश की ये महिला रिक्‍शा चालक आज अपने सपनों को दबाने वाली महिलाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। आज यह क्रेजी आंटी नाम से भी बुलाई जाती हैं। आइए पढ़ें रिक्‍शा चलाकर बेटे की परवरिश करने वाली इस महिला के बारे में...


पुरुष से कम नहींआज महिलाएं सीमा से लेकर आसमान तक में अपनी काबिलियत से पहुंच रही हैं, लेकिन उनके सपनों को दबाने वालों की भी कमी नही हैं। जिससे कई बार तमाम महिलाएं खुद के सपनों को काफूर कर देती हैं। ऐसे में बांग्लादेश की मोसम्मत जैसमीन आज ऐसी महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं। आज जैसमीन खुद को किसी पुरुष से कम नहीं मानती है। समाज की परवाह किए बिना वह आज रिक्शा चला रही हैं। मोसम्मत के 3 बच्चे हैं और वह अपने बच्चों की देखभाल अकेले करती हैं। वह पिछले 5 सालों से रिक्शा चलाकर अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही है। बच्चों के लिए मेहनत
मोसम्मत जैसमीन का कहना है कि उनके पति का एक दूसरी महिला से अफेयर था। जिसकी वजह से वह लगभग 6 साल पहले उसे छोड़कर चले गए थे। जिसके बाद उसके कंधों पर उसके बच्चों की जिम्मेदारी थी। ऐसे मौके पर वह रोने और खुद को कोसने की बजाय अपने को मजबूत बनाने के लिए बढ़ी। इस दौरान वह शुरू में लोगों के घरों में काम करने जाने लगी थी। हालांकि यहां से मिलने वाले पैसों से घर खर्च नहीं निकल पा रहा था। जैसमीन का कहना है आज वह अपने आत्मबल से आगे बढ़ती जा रही हैं। उसे खुशी है कि आज वह अपने बच्चों के लिए मेहनत कर रही है।यूजर्स के ऐसे सवालों पर सुषमा के पति का मजेदार जवाब, प्लीज उन्हें 'बिंदिया चमकेगी' वाले दिन न दिलाएं याद

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Posted By: Shweta Mishra