बांग्लादेश: इस्लामी नेता कादर मुल्ला को फाँसी
बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने बीबीसी को क़ादर मुल्ला की फाँसी की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें गुरुवार को रात दस बज ढाका के सेंट्रल जेल में फाँसी दी गई.कादर मुल्ला को फाँसी दिए जाने को लेकर देश भर में सुरक्षा सुबह से ही कड़ी कर दी गई थी, इसके बावजूद उन्हें फाँसी देने के बाद बांग्लादेश के कुछ शहरों में हिंसा की खबरें मिली हैं. विपक्षी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की ख़बर है.क़ादर मुल्ला की पार्टी का कहना है कि उनकी फाँसी राजनीति से प्रेरित है.याचिका रद्दइससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज ने मौत की सज़ा पर उनकी पुनर्विचार याचिका को रद्द कर दी थी.अब्दुल कादर मुल्ला को मंगलवार को ही फाँसी दी जानी थी लेकिन उन्हें अंतिम समय में राहत मिल गई.
कादर मुल्ला को फाँसी दिए जाने को लेकर देश भर में सुरक्षा सुबह से ही कड़ी कर दी गई थी, इसके बावजूद उन्हें फाँसी देने के बाद बांग्लादेश के कुछ शहरों में हिंसा की खबरें मिली हैं.
साल 1971 में पाकिस्तान से आज़ादी के लिए हुए युद्ध में मानवता के ख़िलाफ़ अपराध करने के मामले में अब्दुल कादर मुल्ला को इसी साल फ़रवरी में अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी.जमात-ए-इस्लामी पार्टी के शीर्ष नेता कादर मुल्ला आरोपों को नकारते रहे हैं.कादर मुल्ला पर चले मुक़दमे के विरोध में जमात-ए-इस्लामी ने व्यापक प्रदर्शन किए. उनके समर्थक सरकार पर राजनीतिक साज़िश का आरोप लगाते रहे हैं.जमात-ए-इस्लामी पार्टी के कई शीर्ष नेता युद्ध अपराध मुक़दमे के सिलसिले में जेल में है.अब्दुल कादर मुल्ला ने आरोपों से हमेशा इनकार किया है.
इसी साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने मुल्ला की सज़ा को फाँसी में बदल दिया था.इस विशेष अदालत पर मानवाधिकार समूहों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी नहीं उतरती है.