Bada Mangal 2020: आज है बड़ा मंगल, जानें कैसे प्रसन्न करें राम भक्त हुनमान को, व्रत कथा, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
कानपुर। Bada Mangal 2020: हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना ज्येष्ठ शुरू हो चुका है। इस महीने हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व। इस माह आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है वह हनुमान जी के भक्त विधिपूर्वक उनकी पूजा अर्चना करते हैं। इस वर्ष ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल आज यानी 12 मई को है। इस दिन पवनपुत्र पूजा की जाती है। इस दिन जो सच्चे मन से राम भक्त हुनमान की आराधना करने वालों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा विधिमंगलवार का दिन राम भक्त हनुमान की आराधना का दिन है। ज्येष्ठ माह के मंगलवार को उनकी आराधना से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। इस दिन प्रात: काल उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर मन में हनुमान जी का स्मरण कर पूजा का संकल्प लें। नहा-धोकर सबसे पहले आमचन करें। इसके लिए नीचे दिए गए मंत्र का पांच बार जाप करें। ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोअपी वा | य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाहान्तर : शुचि: || इसके बाद व्रत संकल्प लेकर लाल वस्त्र धारण करें और पूजा गृह को गंगाजल से शुद्ध करें। हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है, ऐसे में लाल रंग के पुष्प, लाल फल, कुमकुम आदि से उनकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन उन्हें गुड़ और धनिया का प्रसाद जरूर चढ़ाएं। पूजा का आरंभ करते हुए ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट। मंत्र का 11 बार उच्चारण करें। इसके बाद हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि का पाठ करें। अंत में घी और कपूर से आरती करें। पूजा पूरी करने के बाद बल, बुद्धि, विद्या व शक्ति के दाता बजरंगबली से प्रार्थना करें। भक्ति के भाव से दिन भर उपवास रखें और शाम में आरती पूजन के बाद फलाहार करें। अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा आराधना करने के बाद व्रत खोलें।
पूजा का शुभ मुहूर्तज्येष्ठ माह के पहले बड़ा मंगल को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 45 मिनट तक है। आप हनुमान जी की आराधना इसके अलावा, आप चौघड़िया तिथि अमृत, शुभ, लाभ और चर के समय में भी कर सकते हैं। ज्योतिष की मान्यता के अनुसार अगर किसी कारणवश शुभ मुहूर्त में पूजा नहीं कर पाते हैं तो चौघड़िया तिथि में पूजा की जा सकती है। इस दिन चौघड़िया तिथि निम्न है सुबह 8 बजकर 55 मिनट से 10 बजाकर 36 मिनट तक चर काल है। सुबह 10 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक लाभ काल है। इसके बाद 12 बजकर 18 मिनट से 1 बजकर 59 मिनट तक अमृत काल है। जबकि 3 बजकर 40 मिनट से शाम के 5 बजकर 22 मिनट तक शुभ काल है। आप इन समयों में भी बजरंगबली की पूजा आराधना कर सकते हैं।