23 लाख रुपये के साथ तन्हा हुई रिक्शेवाले की बेटी, पिता की मौत
उसकी भुजाये बेटी का पालना थी और दामन आशियाना। उम्र से पहले ही बूढ़ा नज़र आते रिक्शा चालक बबलू की असमय मौत से पांच साल की दामिनी अब तन्हा हो गई है।दामिनी जब पैदा हुई तो सिर से मां का साया उठ गया। उस वक़्त पापी पेट की ख़ातिर बबलू रिक्शा चलाता तो दामिनी को भी गले से लटके झूले में संग-संग लेकर चलता था।उनकी इस तस्वीर ने बीबीसी के ज़रिये दुनिया भर का ध्यान खिंचा तो मदद के लिए हाथ उठते चले गए। दामिनी पिछले चार साल से राजस्थान के भरतपुर में सरकारी बाल संरक्षण गृह में है क्योंकि रिक्शा चालक पिता बबलू उसकी परवरिश नहीं कर पा रहे थे।
वो ख़ुद की तरह ही एक उपेक्षित कोठरी में बेजान पाए गए। इसके बाद उनका दाह संस्कार कर दिया गया। दामिनी का कोई परिजन भी नहीं है। उस नन्हीं जान को यह भी नहीं मालूम कि मां की अकाल मौत के बाद जो दामन उसका पालना बना था, वो हमेशा के लिए चला गया।
दामिनी का जन्म वर्ष 2012 में हुआ तो मां अस्पताल में चल बसीं। उसके बाद दामिनी की परवरिश का भार रिक्शा चलाकर जीवन यापन कर रहे बबलू पर आ गया। वो जब रिक्शा लेकर निकलते तो दामिनी को भी बांहों का झूला बना लेते।
एक रिक्शा चालक को इस तरह बेटी को गले लगाए घूमते देखना भाव-विह्वल करने वाला था। उस वक़्त बबलू ने बीबीसी से कहा, ''मेरी पत्नी की मौत के बाद मैंने दामिनी में उसका अक्स देखा और तय किया अपनी बेटी के लिए वो सब कुछ करूंगा जो एक पिता का फ़र्ज होता है।''