खबर है कि योग गुरु बाबा रामदेव के नाम को कभी भी पद्म पुरस्‍कार की सूची में शामिल ही नहीं किया गया था. इसको लेकर गृह मंत्रालय ने बताया कि रामदेव ने सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स को ही आधार मानकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर पद्म पुरस्‍कार लेने से इंकार कर दिया था लेकिन सच्‍चाई तो यह है कि पुरस्‍कार के लिये योग गुरु के नाम पर कभी विचार ही नहीं किया गया.

उम्मींदवारों की सूची में नहीं है रामदेव का नाम
पूरे मामले पर गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी देते हुये बताया कि शॉर्ट लिस्ट किये गये उम्मीदवारों की सूची में रामदेव का नाम नहीं था. सिर्फ इतना ही नहीं किसी भी मंच पर उनके नाम पर विचार नहीं किया गया. मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने बीते शुक्रवार और शनिवार को करीब 7 से 8 लोगों को खुद फोन करके उन्हें पद्म पुरस्कार के बारे में जानकारी दी थी. अधिकारी ने यह भी बताया कि योग गुरु रामदेव इस लिस्ट में शामिल नहीं थे. उन्होंने बताया कि सिंह ने इसको लेकर अमिताभ बच्चन, लाल कृष्ण आडवाणी और श्रीश्री रविशंकर को फोन करके उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित करने की जानकारी दी थी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस क्रम में श्री श्री रविशंकर ने पुरस्कार लेने से मना कर दिया था. ऐसे में उन्होंने कहा कि उनके बदले किसी और को यह सम्मान देना ज्यादा मुनासिब होगा.
क्या है योग गुरु के करीबियों का कहना
इस पूरे मामले को लेकर रामदेव के एक करीबी ने सरकार की मंशा पर सवाल भी उठाया है. उनका कहना है कि आखिर केंद्र ने मीडिया में योग गुरु रामदेव को पद्म पुरस्कार दिये जाने की खबर का खंडन क्यों नहीं किया. अपना नाम न छापने की शर्त पर रामदेव के सहयोगी ने इस बात की जानकारी दी, 'रामदेव को पुरस्कार दिये जाने के बारे में करीब एक महीने पहले से मीडिया में खबरें आ रही थीं. मीडिया के जरिये खबर आने का तो मतलब यही होता है कि कुछ बात हो रही थी और हमें लग रहा था कि सरकार उन्हें पद्म पुरस्कार देगी।' हालांकि उन्होंने आखिर में इस बात को भी स्वीकार किया कि गृह मंत्रालय की ओर से आधिकारिक तौर पर रामदेव से कभी संपर्क नहीं किया गया.  
क्या लिखा था रामदेव के पत्र में
इस पूरे मामले पर शनिवार को राजनाथ सिंह को संबोधित करते हुये बाबा रामदेव का एक पत्र सामने आया. इस पत्र में उन्होंने लिखा था, 'टीवी चैनल और न्यूजपेपर्स में आ रही खबरों के मुताबिक सरकार मुझे पद्म विभूषण देना चाहती है. मैं इसके लिए तहे दिल से केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं. मैं संन्यासी हूं और मेरा यह कर्तव्य है कि मैं राष्ट्र धर्म और सेवा धर्म के साथ संन्यास धर्म का पालन करूं. ऐसे में मैं पूरी विनम्रता के साथ आपसे इस पुरस्कार को किसी और को देने की अपील करता हूं.' रामदेव की ओर से लिखे गये इस पत्र पर तारीख नहीं है.

Hindi News from India News Desk

 

Posted By: Ruchi D Sharma