Ayodhya Case: महंत सत्येंद्र दास से लेकर इकबाल अंसारी तक सबने फैसले को लगाया माथे, जानें किसने क्या कहा
अयोध्या (ब्यूरो)। अयोध्या पर सुप्रीम फैसले को जहां देश भर में लोगों ने खुले दिल से स्वीकार किया वहीं, वर्षों से इस विवाद से जुड़े लोगों ने भी इसे सिर माथे लगाया। इन सभी ने कोर्ट को शुक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट का जो फैसला है वह स्वागत योग्य है और अब इसमें कुछ भी कहने की गुंजाइश नहीं। आइये बताते हैं किसने फैसले को लेकर क्या कहा...मुस्लिम मंदिर बनाने में सहयोग करें, हम मस्जिद में करेंगे: महंत सत्येंद्र दास
विवादित ढांचा गिराये जाने के बाद कोर्ट द्वारा रामलला के अस्थायी मंदिर के पुजारी नियुक्त किये गए महंत सत्येंद्र दास ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह फैसला देश की एकता और भाईचारे को बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि यह सुनकर बेहद अच्छा लग रहा है कि जो रामलला 27 साल से टेंट में रह रहे हैं, अब उन्हें भव्य मंदिर मिलेगा। कहा, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को मस्जिद के लिये पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है, वह सराहनीय है। हालंाकि, मस्जिद कहां बने इस पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में मुस्लिमों की जनसंख्या को देखते हुए पर्याप्त मस्जिदें हैं, इसलिए मस्जिद को किसी अन्य जगह मुस्लिम बाहुल्य इलाके में बनाया जाना चाहिये। उन्होंने अपील की कि मुस्लिम राम मंदिर निर्माण में सहयोग करें और वे हिंदुओं के साथ मस्जिद निर्माण में सहयोग करेंगे।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वह पूरी तरह संतुष्ट हैं और सभी पक्षों को इसका सम्मान करना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमने पहले से कह रहे हैं कि कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह मुझे मान्य होगा, अब जब फैसला आ गया है भले ही वह मेरे खिलाफ ही क्यों न गया हो, मैं इसका पूरे एहतराम के साथ इस्तकबाल करता हूं। हाजी इकबाल ने कहा कि फैसले के साथ ही वे पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का भी स्वागत करते हैं। कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उसके मुताबिक सरकार काम करे। जहां तक कोर्ट द्वारा मुस्लिमों को मस्जिद के लिये पांच एकड़ जमीन देने का आदेश है तो इस पर सरकार काम करे। मस्जिद के लिये जमीन मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा रिव्यू पिटीशन फाइल करने की संभावना पर इकबाल अंसारी ने कहा कि वे फैसले से संतुष्ट हैं और आगे कोई कार्यवाही नहीं चाहते।
दावा खारिज होने का अफसोस नहीं : महंत धर्मदासराम जन्मभूमि मामले में एक पक्षकार निर्मोही अखाड़ा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। निर्माेही अखाड़़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है। क्योंकि वे भी रामलाल का ही पक्ष ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अब बहुत हो चुका, सुप्रीम कोर्ट ने जब अपना फैसला सुना दिया है तो उस पर सवाल करना किसी के लिये भी ठीक नहीं है। इस फैसले को सभी को बिना किसी हिचक के मानना चाहिये और कोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकार को तुरंत आगे कार्यवाही करनी चाहिये। मुस्लिम पक्ष को अलग से मस्जिद की जमीन देने पर महंत धर्मदास ने कहा कि यह कोर्ट का बहुत ही अच्छा निर्णय है। इससे आपसी भाईचारा और मजबूत होगा।राम जन्मभूमि आंदोलन और गोरखनाथ मंदिर का है गहरा कनेक्शन, कुछ ऐसा है इतिहास