यह आंकलित किया गया है कि एयरकंडीशनर का तापमान एक डिग्री बढ़ाने से लगभग 6 फीसद बिजली की बचत होती है। सामान्य तौर पर एयरकंडीशनर का तापमान 18 से 21 डिग्री रखा जाता है जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं होता है।


- मंत्री बृजेश पाठक ने बिजली बचत के जागरूकता अभियान का किया शुभारंभ


लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि भवनों में सबसे ज्यादा बिजली की खपत एयरकंडीशनर के कारण होती है। यह आंकलित किया गया है कि एयरकंडीशनर का तापमान एक डिग्री बढ़ाने से लगभग 6 फीसद बिजली की बचत होती है। सामान्य तौर पर एयरकंडीशनर का तापमान 18 से 21 डिग्री रखा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं होता है। यदि तापमान 24-25 डिग्री सेंटीग्रेट रखा जाए, तो बिजली की बचत भी होती है और यह स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त होता है। यदि हम एयरकंडीशनर का तापमान 20 से 24 डिग्री कर देते है तो इस चार डिग्री बढ़ोत्तरी के सापेक्ष हम 24 फीसद बिजली की बचत कर सकते है। वे सोमवार को यूपीनेडा में 'एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री या उससे अधिक रखें' विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार टला, सोमवार सुबह 11 बजे नये मंत्रियों को लेनी थी शपथजागरूकता वैन को दिखाई झंडी

इस अवसर पर ब्रजेश पाठक ने जन जागरण के लिए जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि यह वैन पूरे प्रदेश में बिजली के उपयोग एवं बचत के बारे में आम लोगों को जागरूक करेगी। देश में वर्ष 2005 में व्यवसायिक फ्लोर स्पेस लगभग 425 मिलियन वर्गमीटर था, जिसमें लगभग 36 बिलियन यूनिट बिजली की खपत होती थी। जिसके आधार पर वर्ष 2017 में 1,114 मिलियन वर्गमीटर फ्लोर स्पेस आंकलित था जिसके लिए 241 बिलियन यूनिट विद्युत खपत आंकलित थी। लगातार विकास से बिजली की खपत भी बढ़ जाती है। वहीं प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि एसी का तापमान 24 सेंटीग्रेड रखे जाने पर लगभग 960 यूनिट की बचत तथा 6240 रुपये की वार्षिक बचत होगी। इस अवसर पर सचिव यूपीनेडा अनिल कुमार, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी अशोक कुमार श्रीवास्तव तथा यूपीनेडा के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।lucknow@inext.co.in

Posted By: Mukul Kumar