सैलरी बढ़ाने को लेकर नोट छापने वालों ने कर दी हड़ताल
नोटों की छपाई बंद
सिडनी (रॉयटर्स)। ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में पहली बार नोटों की छपाई बंद हो गई है। नोट छापने वाले कर्मचारी वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में महंगाई की तुलना में वहां के कर्मचारियों का वेतन धीरे धीरे बढ़ता है। इसी समस्या को लेकर पिछले दिनों रिज़र्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर फिलिप लोई ने कर्मचारियों को बुलाकर उन्हें वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने को कहा था। इसके अलावा उन्होंने वहां के सांसदों के सामने भी यह बात कही थी कि इस वक्त वहां की महंगाई दर 2.5 है और इस हिसाब से नोट छापने वाले कर्मचारियों का वेतन इस साल 3.5 प्रतिशत बढ़ना चाहिए।
3.5 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग
बता दें कि सेंट्रल बैंक ने कुछ दिन पहले आरबीए के अंतर्गत काम करने वाली कंपनी 'नोट प्रिंटिंग ऑस्ट्रेलिया' (एनपीए) के कर्मचारियों को वेतन में 2 प्रतिशत की वृद्धि का ऑफर दिया, लेकिन कर्चारियों ने शुक्रवार को 3.5 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग रखते हुए काम बंद कर दिया। ऑस्ट्रेलियाई मैनुफैक्चरिंग वर्कर संघ में प्रिंट डिवीजन के क्षेत्रीय सचिव टोनी पिकोलो ने कहा, '107 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब ऑस्ट्रेलिया में बैंक के नोटों की छपाई किसी कारण से बाधित हुई है। सरकार को इस बात को गंभीरता से लेनी चाहिए।'
एनपीए ही नोटों की करता है प्रिंटिंग
पिकोलो ने कहा, 'अगर एनपीए प्रबंधन द्वारा अगले हफ्ते तक वेतन को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो कर्मचारी आगे भी अपना हड़ताल जारी रखेंगे।' बता दें कि मेलबर्न में एकमात्र एनपीए ही नोटों की प्रिंटिंग का काम करता है। ये संस्थान ऑस्ट्रेलियाई बैंक नोट्स के अलावा अन्य करेंसी भी पॉलीमर सब्सट्रैक्ट टेक्नोलॉजी से प्रिंट करता है।