बलरामपुर से वाजपेयी को हराने के लिए नेहरु ने कराया था मशहूर बॉलीवुड एक्टर से प्रचार
कानपुर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने स्वास्थ्य को लेकर दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी हालत बहुत नाजुक है और उन्हें एम्स में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। बता दें कि भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बलरामपुर है, जो उत्तर प्रदश के अवध इलाके में एक जिला है। यहां से अटल बिहारी वाजपेयी का बेहद खास नाता है। दरअसल, बलरामपुर संसदीय सीट से ही अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार सांसद बनने में कामयाब हुए थे।
सुभद्रा जोशी ने लड़ा था कांग्रेस से चुनाव
हालांकि वाजपेयी ने अपना पहला चुनाव 1955 में लड़ा था लेकिन उसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। 1957 के लोकसभा चुनाव में बलरामपुर लोकसभा सीट पर उन्होंने पहली बार जीत हासिल की थी। कहा जाता है कि 1962 के लोकसभा चुनाव में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अटल जी को हराने के लिए एक मशहूर बॉलीवुड एक्टर का सहारा लिया था। दरअसल, बलरामपुर लोकसभा सीट पर नेहर ने कांग्रेस की ओर से वाजपेयी के खिलाफ सुभद्रा जोशी को खड़ा किया था। हालांकि ये ऐसा दौर था जब चुनाव में जीत हासिल करने के लिए फिल्मी हस्तियों को नहीं बुलाया जाता था लेकिन पंडित नेहरू को वाजपेयी की जनता को अपनी ओर खींचने की कला के बारे में ठीक से मालूम था, इसलिए इस चुनाव में उन्होंने बॉलीवुड के मशहूर एक्टर बलराज साहनी को बलरामपुर में कांग्रेस का प्रचार करने का न्योता दिया।
15 हजार लोग जुटे थे सभा में
पूर्व राज्यसभा सदस्य और मशहूर शायर बेकल उत्साही ने एक बार 1962 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए बताया था कि बलरामपुर के परेड ग्राउंड में बलराज साहनी की सभा का आयोजन किया गया था, उसमें काफी भीड़ जुटी थी। उस छोटे से कस्बे में करीब 15 हजार लोग साहनी को सुनने के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि वो चुनाव बहुत यादगार था क्योंकि उस दौरान बलराज साहनी दो दिन तक बलरामपुर में रुककर कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी का प्रचार करते रहे। इतना ही नहीं, उस चनाव में उन्होंने रिक्शे पर भी प्रचार किया था।
एक परसेंट से भी कम वोटों का अंतर
बलराज साहनी के प्रचार ने आखिर में अपना कमाल दिखा दिया और सुभद्रा जोशी ने चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी को 2052 वोट से हराया। सुभद्रा जोशी को उस चुनाव में कुल 1 लाख 2 हजार 260 वोट मिले थे जबकि अटल जी को 1 लाख 208 वोट मिले। सिर्फ एक परसेंट से भी कम वोटों के अंतर से अटल जी को हार का सामना करना पड़ा। बलरामपुर में आज भी इस चुनाव की चर्चा होती है।