एशियन गेम्स में मेडल जीतकर लौटा ये खिलाड़ी बेच रहा है चाय
कानपुर। इंडानेशिया में खेले गए 18वें एशियन गेम्स में भारतीय सेपकटारा टीम को ब्रॉन्ज मेडल मिला था। टीम के एक खिलाड़ी हरीश कुमार मेडल के साथ वापस लौटे तो उनका काफी स्वागत किया गया। आस-पड़ोस के लोग उन्हें बधाईयां देने घर पहुंचे। बड़ी खुशियों के साथ पहला दिन बीतने के बाद हरीश वापस अपनी पुरानी जिदंगी में लौट आए। हरीश के घरवाले घर खर्च के लिए चाय की दुकान खोले हैं ऐसे में एशियन गेम्स में मेडल जीतकर आए हरीश को अपने परिवार का सपोर्ट करने के लिए चाय की दुकान पर बैठना पड़ा। सालों से वह यही कर रहा है।
दिल्ली में रहने वाले हरीश कुमार बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता ऑटो ड्राइवर हैं। इतनी कम आमदनी में घर का खर्चा नहीं चलता। ऐसे में हरीश ने चाय की दुकान खोली। ऑटो चलाने के बाद उनके पिता हरीश के साथ चाय की दुकान पर काम करते हैं। दोनों बाप-बेटे के लिए एक छोटी सी दुकान ही रोजी-रोटी है। एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद हरीश घर आए और वापस चाय की दुकान पर लग गए। हरीश का कहना है, 'परिवार में लोग ज्यादा है और कमाने वाले कम इसलिए मैं चाय बेचता हूं। मैं नौकरी करना चाहता हूं ताकि अपनी फैमिली को सपोर्ट कर सकूं।'
यह एक साउथ एशियन स्पोर्ट है जिसे पैरों से खेला जाता है। जिस तरह से किेक वॉलीबाल खेली जाती है यह खेल भी उसी तरह का होता है। इसमें भी गेंद को हाथ से छुए बिना नेट के दूसरी तरफ ढकेलना होता है। इसमें दो टीमें होती हैं और प्रत्येक टीम में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। यह एक टीम मैच होता है। जिसे रबर की गेंद से नहीं बल्कि सींक या खपच्ची की बनी बॉल से खेला जाता है। तीन सेट का मैच होता है जिसमें पहले दो सेट जीतने के लिए टीम को 21-21 अंक हासिल करने होते हैं। अगर दोनों टीमें निर्धारित समय में सिर्फ 20-20 प्वॉइंट हासिल करती हैं। मैच टाई होने पर 15 प्वॉइंट का एक और सेट खेला जाता है। एशियन गेम्स 2018 में सेपकटाकरा के कुल 6 मुकाबले खेले जाएंगे।सेपकटाकरा ही नहीं एशियन गेम्स में देखने लायक हैं ये 5 अजब-गजब खेल