एशियन गेम्स में पहला गोल्ड जीतने वाले बजरंग की बॉडी देख सलमान खान को भूल जाएंगे
कानपुर। इंडोनेशिया में चल रहे 18वें एशियाई खेलों में इंडियन रेसलर बजरंग पूनिया ने भारत का नाम रोशन कर दिया। बजरंग ने पहले राउंड में जापानी पहलवान ताकातिनी दायची को कड़ी टक्कर देकर फाइनल मुकाबला 11-8 से अपने नाम कर लिया। जापानी पहलवान को चित्त करते ही बजरंग ने भारत की झोली में पहला स्वर्ण पदक डाल दिया, इससे पहले अपूर्वी चंदेला और रवि ने निशानेबाजी में कांस्य पदक जीता था।
पिछले एशियन गेम्स में सिल्वर पदक जीतने वाले बजरंग ने इस बार साबित कर दिया कि उन्हें भारत का बेहतरीन रेसलर क्यों कहा जाता है। 24 साल की उम्र में बजरंग ने इंडोनेशिया में गोल्ड पर कब्जा कर अपनी काबिलियत का परिचय दे दिया। बजरंग ने इस मुकाम को आसानी से हासिल नहीं किया है। बजरंग का जन्म 26 फरवरी 1994 को झज्जर, हरियाणा में हुआ था। गरीबी में पले बढ़े बजरंग ने कई चुनौतियों को पार कर एशियन गेम्स में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता। पूनिया ने सबसे पहले साल 2006 में महाराष्ट्र के लातूर में हुई स्कूल नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
इसके बाद इस पहलवान ने लगातार 7 साल तक गोल्ड मेडल जीता। बजरंग यही नहीं रूके और इसके बाद उन्होंने साल 2009 में दिल्ली में बाल केसरी खिताब अपने नाम किया। यहां से बजरंग की किस्मत बदली और साल 2010 में कुश्ती फेडरेशन ने उनकी काबिलियत को भांपते हुए उनका चयन जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप के लिए किया। पहली बार विदेश में खेल रहे बजरंग का जादू यहां भी चला और उन्होंने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।
2011 में भी बजरंग ने विश्व जूनियर में स्वर्ण जीता। उसके बाद बजरंग चोट के कारण थोड़ा संघर्ष करते नजर आए लेकिन साल 2014 में उन्होंने शानदार वापसी करते हुए विश्व कप मुकाबलों में कांस्य पदक जीता।
फिर क्या था, एक बार सफलता के ट्रैक पर चलने के बाद बजरंग ने ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में बजरंग ने रजत पदक जीता। तो वहीं 2018 में गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में बजरंग ने भारत को गोल्ड दिलासा। इस पहलावन ने पिछले साल ही सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण दिलाया था।
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