टीचर अशरफ गनी बने अफगानिस्तान के प्रेसीडेंट, अब्दुल्ला बने प्रधानमंत्री
टीचर अशरफ गनी बने प्रेसीडेंटअफगानिस्तान के राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की गिनती में हुई धांधली को लेकर महीनों चले विवाद के बाद आखिरकार समझौता हो गया है. इस समझौते के अनुसार देश में राष्ट्रीय एकता सरकार बनाई गई है. नई सरकार में अशरफ गनी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है. राष्ट्रपति अशरफ इससे पहले एक एजुकेशनिस्ट के रूप में अमेरिका में काम कर चुके हैं. इसके अलावा वह काबुल यूनिवर्सिटी में चांसलर और फाइनेंस मिनिस्टर के रूप में कार्य कर चुके हैं. इसके साथ अशरफ गनी को इंस्टीट्यूट फॉर स्टेट इफेक्टिवनेस के को-फाउंडर एवं एंथ्रोपॉलॉजिस्ट के रूप में भी जाना जाता है. क्या था राजनैतिक विवाद
अफगानिस्तान में 14 जून को संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनावों में अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अशरफ गनी दोनों ने अपने आपको जीता हुआ घोषित कर दिया था. इसके बाद दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष शुरू हो गया. गौरतलब है कि संघर्ष के चलते अफगानिस्तान की आंतरिक सुरक्षा, आर्थिक हालात एवं राजनैतिक स्थिरता को लेकर गंभीर हालात पैदा हो गए थे. सयुंक्त राष्ट्र ने किया हस्तक्षेप
साउथ एशिया में आतंकवाद और राजनैतिक अस्थिरता के खतरे को देखते हुए सयुंक्त राष्ट्र ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. सयुंक्त राष्ट्र के साथ अमेरिका ने भी अफगानिस्तान के प्रमुख राजनैतिक दलों पर इस मामले को सुलझाने का दबाव डाला. इस द्विपक्षीय दबाव के चलते अफगानिस्तान में राष्ट्रीय एकता सरकार बनाई गई है जिसमें राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों की सहमति थी.
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