एशेज सीरीज नहीं हारने वाले कंगारु कप्तान टिम पेन, कभी नौकरी करने के लिए हो गए थे मजबूर
कानपुर। ऑस्ट्रेलियाई टीम आज एशेज ट्राॅफी को बरकरार रख पाई है तो उसमें कप्तान टिम पेन का भी योगदान है। पेन की यह बेहतर कप्तानी का ही नमूना है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी जंग को बराबरी पर रोका। 34 साल के टिम पेन को एक्सीडेंटल कैप्टन कहा जाता है। दरअसल पेन को कंगारु टीम की कमान उस वक्त दी गई थी जब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट विवादों से जूझ रहा था। एक साल पहले ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ को बाॅल टेंपरिंग का दोषी पाया गया था जिसके बाद उनकी जगह टिम पेन को ऑस्ट्रेलिया का कप्तान बनाया गया।
टीम पेन का क्रिकेट करियर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम में वो कभी भी अपना स्थान पक्का नहीं कर पाए और टीम से अंदर-बाहर होते रहे। 7 साल के लंबे अंतराल के बाद 2018 में जब उनका टेस्ट टीम में चयन किया गया, तो सभी को हैरानी हो गई की इतने लंबे समय के बाद इस खिलाड़ी का चयन क्यों किया गया। हालांकि 2017 में ही टीम पेन क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, वो ऑस्ट्रेलिया की क्षेत्रीय तस्मानिया टीम से बाहर थे। इतना ही नहीं उन्होंने क्रिकेट के सामान बनाने वाली कंपनी कूकाबूरा के साथ नौकरी की पेशकश भी स्वीकार कर ली थी और इसके लिए वो मेलबर्न शिफ्ट भी हो गए थे।
2016 में टिम पेन को तस्मानिया की टीम से बाहर किया गया, तो वो हनीमून पर चले गए थे। 2017 में जब वह क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, तब उनकी पहली संतान उनकी बेटी का जन्म हुआ। उनकी बेटी का नाम ‘मिला’ है।