Dharma Chakra Day : प्रेसिडेंट ने आषाढ़ पूर्णिमा पर किया उद्घाटन, पीएम माेदी बोले भगवान बुद्ध के आदर्श चुनाैतियों से बाहर निकालते
नई दिल्ली (एएनआई)। आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देशवासियों को बधाई दी और राष्ट्रपति भवन में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा आयोजित धर्म चक्र कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दाैरान राष्ट्रपति ने कहा कि आज से लगभग 2500 साल पहले आषाढ़ पूर्णिमा पर पहली बार बुद्धि शब्द बोला गया था। आत्मज्ञान प्राप्त होने पर बुद्ध ने वर्णन से परे एक राज्य में 5 सप्ताह बिताए। इसके बाद फिर उन्होंने उन लोगों के साथ इसे साझा करना शुरू कर दिया, जिन्हें उन्होंने खोजा था। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर देश वासियों को शुभकामनाएं दीं।
It was today, on Asadha Poornima, some 2,500 yrs ago, that the Word of Wisdom was spoken out for first time. On attaining enlightenment, Buddha spent 5 weeks in a state beyond description. Then he started sharing with people the nectar he had discovered: President Ram Nath Kovind pic.twitter.com/zeHExEzMk1
— ANI (@ANI)
पीएम ने बुद्ध के विचारों को जीवन में उतारने का आग्रह किया
पीएम माेदी ने कहा कि मैं आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। इसे पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। यह हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया। ऐसे में हम भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा, भगवान बुद्ध के बताए आठ मार्ग कई समाजों और राष्ट्रों के लिए कल्याण का रास्ता दिखाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, यह अवसर करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं विचार और क्रिया दोनों में सरलता लाती हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बुद्ध के उपदेशों पर विशेष जोर देते हुए वीडियो संदेश के जरिए देश के युवाओं से बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में उतारने का आग्रह किया है।
भगवान बुद्ध के आदर्शों से कठिन चुनाैतियों से निकला जा सकता
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि आज दुनिया कठिन चुनौतियों से लड़ रही है। इन चुनौतियों के लिए स्थायी समाधान, भगवान बुद्ध के आदर्शों से आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे अतीत में प्रासंगिक थे। वे वर्तमान में प्रासंगिक हैं और, वे भविष्य में प्रासंगिक रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है। लोगों के लिए आदर करना, गरीबों के लिए आदर करना और महिलाओं के लिए आदर करना।शांति और अहिंसा का अदर करना।आज के समय में बुद्ध द्वारा दी गई सीख भी प्रासंगिक है।