यूं तो स्‍मार्टफोन के बाजार में यह आम कहावत है कि एंड्राएड फोन आईफोन से धीमा होता है लेकिन अब एक नया सच पता चला है कि आईफोन बनाने वाले कंपनी Apple खुद ही अपने पुराने स्‍मार्टफोन मॉडल को स्‍लो कर देती है ताकि शायद कस्‍टमर नया iPhone खरीदने को मजबूर हों। वैसे आईफोन को धीमा करने को लेकर कंपनी का बहाना काफी अजीब है। तभी तो यह सच जानने के बाद तमाम कस्‍टमर्स ने ऐपल पर मुकदमा ठोक दिया है।

iPhone अपने आप धीमा नहीं होता, बल्कि कंपनी वाले खुद ही इसे स्लो कर देते हैं

अब तक जिसके हाथ में आईफोन होता था, एंड्राएड स्मार्टफोन यूजर्स उसे बड़ी इज्जत की नजरों से देखते थे। वजह भी साफ थी, क्योंकि iPhone की सिर्फ कीमत ही ज्यादा नहीं थी, बल्कि उसके फीचर्स, स्पीड और परफॉर्मेंस भी शानदार थी। पर हाल ही में जब ऐपल ने खुलासा किया उन्होंने iPhone 6, 6s, 7 और SE जैसे पुराने मॉडल्स को पहले से स्लो कर दिया है। फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करते समय कंपनी फोन को स्लो करने वाला प्रोग्राम फोन में इंस्टॉल कर देती है।

 

 

 

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फोन स्लो करने का तर्क iPhone यूजर्स की समझ से परे

आईफोन को स्लो करने के पीछे ऐपल ने काफी रोचक वजह बताई है, हालांकि उनका तर्क तमाम iPhone यूजर्स के गले नहीं उतर रहा है। ऐपल ने टेकक्रंच वेबसाइट को बताया है कि उन्होंने फोन के पुराने मॉडल्स की लाइफ को बढ़ाने के लिए उनकी परफॉर्मेंस को थोड़ा घटा दिया है। भले ही ऐसा करने में यूजर का फोन कई बार खुद ही शटडाउन हो जाएगा, लेकिन उसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सुरक्षित बने रहेंगे। ऐपल का कहना है अपने यूजर को फोन का बेस्ट एक्सपीरियंस देने के लिए हमने ऐसा किया है। दरअसल फोन में लगी लीथियम आयन बैट्रीज कूल कंडीशन में पूरा करेंट नहीं दे पातीं और बैट्री पुरानी होने पर वो ठीक से चार्ज भी नहीं हो पातीं। ऐसे में फोन डिवाइस अपने आप ऑफ हो जाती है, लेकिन फोन के कंपोनेंट्स लंबे समय तक सेफ बने रहते हैं। ऐपल ने फोन को स्लो करने वाली अपनी इस ट्रिक को भले ही जस्टीफाई करने की कोशिश की है, लेकिन कस्टमर तो यही समझ रहे हैं, कि कंपनी ऐसा इसलिए कर रही है ताकि कस्टमर पुराने आईफोन की स्लो परफॉर्मेंस से ऊबकर नया iPhone खरीदने को मोटिवेट हों।

 

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कंपनी के इस खुलासे के बाद नाराज यूजर्स ने कर दिया कंपनी पर केस

पुराने iPhone को स्लो करने को लेकर भले ही ऐपल ने सीधा साधा खुलासा कर दिया है और कहा है कि उसका ये कदम iPhone यूजर्स के हित में ही है, लेकिन तमाम यूजर्स इसे कंपनी की धोखेबाजी बता रहे हैं। तभी तो अमेरिका के California, New York और Illinois कोर्ट में ऐपल के खिलाफ 8 मुकदमे लग गए हैं। इन केसेस में उपभोक्ताओं ने कंपनी की इस पॉलिसी को उनके साथ धोखेबाजी करार दिया गया है। इजराइली अखबार Haaretz की एक खबर के मुताबिक इजराइल की कोर्ट में भी एक ऐसा ही केस ऐपल पर दर्ज कराया गया है। फिलहाल iPhone को स्लो करने को लेकर ऐपल का जो भी उद्देश्य रहा हो, लेकिन फिलहाल दुनिया भर के iPhone यूजर्स ऐपल की इस पॉलिसी से काफी नाराज हैं।

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Posted By: Chandramohan Mishra